भारत को अधिक एफडीआई की आवश्यकता : जेटली

सिडनी, 29 मार्च (जनसमा)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि भारत को विशेष रूप से निर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें भी इसमें रूचि दिखा रही हैं और अपने-अपने राज्यों में विदेशी निवेश के लिए प्रतिस्पर्धी माहौल तैयार कर रही हैं और इस संबंध में वे निवेश सम्मेलन आयोजित कर रही हैं।

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी में न्यू साउथ वेल्स के प्रधानमंत्री माइक बेयर्ड के साथ अपनी बैठक के दौरान यह बात कही। चार दिन की ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर मंगलवार सुबह सिडनी पहुंचने के बाद जेटली की यह पहली आधिकारिक बैठक थी।

जेटली ने कहा कि भारत सरकार ने रेलवे और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोल दिया है। उन्होंने न्यू साउथ वेल्स के व्यापारियों को निवेश और मेक इन इंडिया के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि वे विदेशी संप्रभुत्व की निधि को भारत में एनआईआईएफ, पेंशन और बीमा राशियों का हिस्सा बनाना चाहते हैं। 

वित्त मंत्री जेटली ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए वर्तमान सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों और सुधार उपायों के बारे में भी बताया। भारतीय अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत से अधिक दर से वृद्धि कर रही है।

इस अवसर पर न्यू साउथ वेल्स के प्रधानमंत्री माइक बेयर्ड ने भारत में निवेश के अवसरों विशेष रूप से बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश के बारे में रूचि दिखाई। उन्होंने भारत में उपलब्ध अवसरों को समझने के लिए ऑस्ट्रेलिया में व्यापारिक समुदाय को जानकारी देने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने जेटली को बताया कि वे जनवरी 2017 को भारत में आयोजित होने वाले अगले ‘वाइब्रेंट गुजरात’ कार्यक्रम में भारत आना चाहते हैं।