वाशिंगटन, 1 जुलाई | अमेरिका ने कहा है कि वह भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता दिलाने में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “भारत का रिकॉर्ड अच्छा है और हमें लगता है कि वह एनएसजी में शामिल होने के योग्य है।”
अमेरिका की ओर से यह बयान इसी माह दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में हुई एनएसजी के 48 सदस्यों की बैठक के बाद आया है, जिसमें चीन के अड़ियल रवैये के कारण इसकी सदस्यता को लेकर भारतीय आवेदन को सफलता नहीं मिल पाई। चीन ने इस आधार पर भारत को एनएसजी में शामिल करने का विरोध किया कि उसने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। चीन के इस रुख के कारण एनएसजी के 48 सदस्य देशों में भारत को सदस्यता देने को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई और सदस्यता से वंचित रह गया।
भारत ने 12 मई को एनएसजी सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया था।
किर्बी ने कहा कि व्हाइट हाउस और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अमेरिकी प्रशासन ने एनएसजी बैठक में भारत को सदस्यता दिलाने के लिए एक ठोस प्रयास किया था।
किर्बी उस सवाल पर जवाब दे रहे थे, जिसमें पूछा गया था कि भारत की एनएसजी सदस्यता का विरोध करने वाले चीन ने इस सप्ताह की शुरुआत में भारत के मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजिम (एमटीसीआर) में शामिल होने पर कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं दी?
उन्होंने कहा, “हम यकीनन निराश हैं कि हालिया एनएसजी सत्र के दौरान भारत को इसकी सदस्यता नहीं मिली, लेकिन मैं आपसे कह सकता हूं कि हम आगामी महीनों में भारत एवं बाकी सभी एनएसजी सदस्यों के साथ मिलकर भारत को इसका सदस्य बनाने की दिशा में प्रयास जारी रखेंगे।”
–आईएएनएस
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