नई दिल्ली, 10 मार्च (जनसमा)। “भारत में पिछले दो दशकों में दूरसंचार क्रांति हुई है। मोबाइल फोन तथा तेज इंटरनेट नेटवर्क लांच किए जाने से भारत को व्यापक डिजिटल क्षमता का उपयोग करने में मदद मिली है। भारत तेज डिजिटल केन्द्र के रूप में उभर रहा है।”
यह बात राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुद्धवार को भारतीय डाक सेवा, भारतीय दूरसंचार सेवा तथा पीएंडटी भवन कार्य सेवा के प्रोबेशनर्स से कही जब प्रोबेशनर्स भेंट करने गए।
राष्ट्रपति ने प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए कहा कि उदारीकरण के युग में डाक तथा दूरसंचार क्षेत्र के एक हिस्से के निजीकरण ने टेक्नोलॉजी तथा उपभोक्ताओं की वृद्धि में व्यापक परिवर्तन देखा है। उन्होंने प्रोबेशनर्स से कहा कि स्पर्धी विश्व में बने रहने के लिए तेजी से बदल रही सूचना तथा संचार टेक्नोलॉजी के साथ चलना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रेष्ठ दूरसंचार तथा इंटरनेट सेवाएं प्रदान करना समय की आवश्यकता है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि डाक अकादमी तथा राष्ट्रीय दूरसंचार संस्थान आगामी चुनौतियों से निपटने के लायक प्रोबेशनर्स (परिवीक्षकों) को बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी तथा गैर-तकनीकी सुविधाएं दे रहे हैं। उन्होंने परिवीक्षकों को कहा कि उन्हें पेशेवर भाव से, पारदर्शिता के साथ, ईमानदारी से काम करना होगा, ताकि भारत के लोगों की आकांक्षाएं पूरी हो सकें।
भारतीय डाक सेवा के प्रोबेशनर्स अभी रफी अहमद किदवई राष्ट्रीय अकादमी, गाजियाबाद में प्रशिक्षण ले रहे है। भारतीय दूरसंचार सेवा तथा पीएंडटी भवन कार्य सेवा के प्रोबेशनर्स नीति शोध, नवाचार तथा प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय दूरसंचार संस्थान, गाजियाबाद में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
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