भारत थाई नागरिकों को डबल एंट्री वीजा देगा, रक्षा सहयोग बढ़ाएगा

नई दिल्ली, 18 जून | भारत और थाईलैंड ने शुक्रवार को रक्षा साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि थाईलैंड के नागरिकों के लिए डबल एंट्री ई-टूरिस्ट वीजा सुविधा दी जाएगी, ताकि उन्हें बौद्ध सर्किट की यात्रा में सुविधा हो। मोदी ने यह घोषणा राष्ट्रीय राजधानी में थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा के साथ जारी एक साझा बयान में की। चान-ओ-चा भारत दौरे पर हैं।

मोदी ने अपने भाषण में कहा, “भारत और थाईलैंड दोनों को पता है कि तेजी से फैलता आतंकवाद और कट्टरपंथी विचारधारा दोनों देशों के लिए चुनौती है।”

उन्होंने कहा कि रक्षा साझेदारी से दोनों ही देश अपने नागरिकों को ऐसे खतरे से सुरक्षित कर सकेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रयूत चान-ओ-चा के सान्निध्य में नई दिल्ली में 17 जून, 2016 को समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद दस्तावेजों का आदान प्रदान करती विदेश मंत्री सुषमा स्वराज।

मोदी ने कहा, “आतंकवाद के अलावा, हमने साइबर सुरक्षा, मादक पदार्थो की तस्करी, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक अपराध और मानव तस्करी से निपटने में भी साझेदारी पर सहमति जताई है।”

उन्होंने कहा, “भारत में थाईलैंड के अधिक से अधिक पर्यटकों का स्वागत करने और देश के बौद्ध स्थलों के उनके दौरे को सुविधाजनक बनाने के लिए हम जल्द ही थाईलैंड के नागरिकों के लिए डबल एंट्री ई-टूरिस्ट वीजा की सुविधा देने जा रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “अगले साल हमारे कूटनीतिक संबंधों के 70 साल पूरा होने के मौके पर हम थाईलैंड में भारत महोत्सव तथा भारत में थाईलैंड महोत्सव का आयोजन करेंगे।”

प्रयुत चान-ओ-चा गुरुवार को भारत पहुंचे। उन्होंने इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। उनका सुबह राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में रस्मी स्वागत किया गया।

प्रयुत चान-ओ-चा के साथ उनकी पत्नी और एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें उपप्रधानमंत्री, कई कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और उद्योगपति शामिल हैं।

मई 2014 थाईलैंड के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद यह उनकी भारत की पहली यात्रा है।

द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच मजबूत संपर्को की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा, “मजबूत संपर्क केवल द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों के विस्तार के लिए ही जरूरी नहीं हैं, बल्कि यह हमारे लोगों को निकट लाता है और विज्ञान, संस्कृति व पर्यटन सहयोग में मदद करता है।”

मोदी ने कहा, “इसलिए हम भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय रेलमार्ग को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करेंगे और तीनों देशों के बीच मोटर वाहन करार समझौते पर शीघ्र हस्ताक्षर करेंगे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया में संपर्क सुधार के लिए भारत-म्यांमार-थाईलैंड राजमार्ग परियोजना नई दिल्ली की प्राथमिकता में है।

मोदी ने कहा, “संपर्क एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और यह हमारी प्राथमिकता में है। यह दक्षिण-पूर्व एशिया तक हमारी पहुंच में सुधार करने में मदद करेगा।”

मोदी ने कहा, “हमने भारत-म्यांमार-थाईलैंड राजमार्ग परियोजना के पूर्ण होने को प्राथमिकता दी है।”

मोदी ने कहा कि भारत डॉ. बी. आर. अंबेडकर की 150वीं जयंती मना रहा है। वह संविधान के मुख्य वास्तुकार थे और भारतीय संविधान का अनुवाद थाई भाषा में किया जाएगा।

मोदी ने थाईलैंड को “दक्षिण पूर्व एशिया में महत्वपूर्ण भागीदारों में से एक और विश्वसनीय और महत्वपूर्ण दोस्त बताया।”

उन्होंने कहा, “रक्षा अनुसंधान, विकास और उत्पादन, नौसैनिक गश्ती आदि मामलों में भागीदारी और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान बढ़ाया जाएगा।”

उन्होने कहा कि थाईलैंड को बुनियादी संरचना, खासतौर से पर्यटन से जुड़ी अवसंरचनाओं में महारत हासिल है और भारत के लिए यह क्षेत्र प्राथमिकता वाला क्षेत्र है।

उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मास्यूटिकल्स, वाहनों के कलपुर्जे, मशीनरी आदि समेत कई अन्य क्षेत्रों की भी पहचान सहयोग बढ़ाने के लिए की गई है।

मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच विविध क्षेत्रों में करार से न सिर्फ दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक समृद्धि भी बढ़ेगी।

दोनों नेताओं की बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों में एक नए द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत की जाएगी।

इसमें कहा गया कि थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने क्लस्टर निवेश नीति के तहत भारतीय निवेश को आमंत्रित किया।

भारत ने थाईलैंड को स्वदेशी तकनीक से विकसित जियो नेविगेशन सेवाओं की पेशकश की, जो उन्नत नेविगेशन और लोकेशन अस्सिटेंस की सेवा प्रदान करता है।

बयान में कहा गया कि दोनों ही नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार के अपने मजबूत समर्थन को दोहराया। इसमें कहा गया, “थाई पक्ष संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई सदस्यता की दावेदारी का समर्थन करता है।”

प्रयुत चान-ओ-चान ने मोदी को थाईलैंड दौरे के लिए आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।

थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने राजधानी में कुछ उद्योगपतियों से भी मुलाकात की। वह अपनी यात्रा के दूसरे चरण के तहत शनिवार को बोधगया जाएंगे और उसके बाद वापस स्वदेश लौट जाएंगे।

अधिकारियों ने कहा कि भारत-थाईलैंड रिश्ते का केंद्र दोनों देशों के लोगों के बीच व्यापक संपर्क है। 2015 में 10 लाख से ज्यादा भारतीय पर्यटकों ने थाईलैंड का दौरा किया, जबकि एक लाख से ज्यादा थाई पर्यटकों ने भारत का दौरा किया।

दोनों देशों की नौसेनाएं नियमित रूप से समन्वित गश्त करती हैं, साथ ही दोनों देशों की सेना हर साल वार्षिक युद्धाभ्यास करती है। साथ ही दोनों देशों की वायुसेना के बीच भी युद्धाभ्यास शुरू हुए हैं। भारत ने थाईलैंड में बहुपक्षीय कोबरा गोल्ड युद्धाभ्यास में ‘महत्वपूर्ण पर्यवेक्षक’ देश के रूप में भाग लिया था।

–आईएएनएस