नई दिल्ली, 29 सितम्बर | जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में आतंकी हमले के 11 दिन बाद भारत ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार आतंकियों के लांच पैड्स को निशाना बनाते हुए बुधवार-गुरुवार की रात ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ किया और आतंकियों को भारी नुकसान पहुंचाया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलो की मंत्रिमंडल समिति की आज नई दिल्ली में बैठक हुई। इसमें नियंत्रण रेखा पर स्थिति की समीक्षा की गई।
पाकिस्तान ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से इनकार करते हुए जोर देकर कहा है कि केवल दोनों तरफ से गोलीबारी हुई है जिसमें उसके दो जवान मारे गए हैं।
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि भारतीय विशेष बलों ने बुधवार की देर रात कुपवाड़ा और पुंछ में एलओसी के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों एवं पाकिस्तानी दलों को निशाना बनाया। उड़ी हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे।
पाकिस्तान ने भारतीय सेना की ओर से किसी भी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से इनकार किया है। उसने कहा कि दोनों सेनाओं के बीच नियंत्रण रेखा के पार से सिर्फ गोलीबारी हुई है। इसमें दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं और कुछ अन्य घायल हैं। पाकिस्तान ने भारत के किसी भी हमले का जवाब देने की धमकी दी है।
भारत के सर्जिकल स्ट्राइक की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद गृह मंत्री ने विपक्षी नेताओं को इसकी जानकारी दी। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने अलग से भारतीय अभियान के बारे में 22 देशों के राजनयिकों से बात की।
भारत में पंजाब सीमा से लगे 10 किलोमीटर क्षेत्र के गांव के लोगों को सुरक्षित जगहों पर चले जाने का आदेश दिया गया है। पूरे इलाके के विद्यालय भी बंद हैं। पुलिस और चिकित्साकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। गुजरात में मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है।
डायरेक्टर जनरल मिल्रिटी ऑपरेशंस (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने मीडिया को बताया “आतंकवाद के खिलाफ इस अभियान में आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों को भारी नुकसान हुआ।”
उन्होंने कोई खास जानकारी नहीं दी लेकिन केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि भारतीय सेना ने पांच-छह आतंकी ठिकानों पर हमले किए जिनमें 38 आतंकी मारे गए।
सेना प्रमुख दलबीर सिंह बुधवार की रात अभियान नियंत्रण कक्ष में थे क्योंकि अभियान आधी रात को शुरू हुआ था। यह सुबह करीब 4.30 बजे समाप्त हुआ।
बताया जाता है कि नियंत्रण रेखा के पास कमांडो को हवाई मार्ग से उतारा गया और उन्होंने नियंत्रण रेखा के उस पार पाकिस्तानी सीमा में दो-तीन किलोमीटर अंदर हमले किए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस हमले के मद्देनजर शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाने का निर्णय लिया है।
भारत की ओर से नियंत्रण रेखा के पार ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की घोषणा के कुछ ही मिनट बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इसकी निंदा करते हुए इसे भारतीय सेना की ‘बिना किसी उकसावे की कार्रवाई’ करार दिया।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि पाकिस्तान शांतिपूर्ण पड़ोस के पक्ष में है और देश के ‘शांतिपूर्ण रवैये’ को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ‘देश की संप्रभुता को कमजोर करने वाले किसी भी साजिश को नाकाम कर सकता है।’
पाकिस्तान के चैनल जियो न्यूज के अनुसार, सीमा पार पाकिस्तान की नीलम घाटी में वहां के प्रशासन ने नियंत्रण रेखा के पास वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया है, प्राथमिक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है और लोगों को उसके आसपास नहीं घूमने की चेतावनी दी है।
भारतीय अधिकारियों ने पंजाब और गुजरात के सीमाई इलाकों में उच्च सतर्कता बरतने का आदेश दिया है और कहा है कि वह पाकिस्तान के किसी भी बदले की कार्रवाई के लिए तैयार है।
माना जाता है कि जम्मू एवं कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों के ठिकाने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में हैं। बताया जाता है कि उन्हें पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों का समर्थन प्राप्त है।
इस पूरे क्षेत्र में गर्मी बढ़ गई है। इस्लामाबाद में नवंबर में दक्षेस सम्मेलन होना था जिसका भारत, भूटान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बहिष्कार के बाद रद्द होना तय है।
केंद्र सरकार ने नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक की और बुधवार की रात हुए ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की जानकारी दी।
भारतीय सेना ने विस्तृत ब्यौरा नहीं जारी किया है लेकिन ऐसी खबरें हैं कि भारतीय विशेष बलों ने नियंत्रण रेखा के तीन किलोमीटर अंदर तक जाकर लौटने से पहले 38 आतंकियों को ढेर कर दिया है।
जनरल रणबीर सिंह ने कहा कि जिन आतंकवादियों को निशाना बनाया गया, उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर में घुसपैठ कर भारत के अन्य शहरों में हमले करने की साजिश की थी।
उन्होंने कहा, ‘अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए था कि ये आतंकवादी घुसपैठ में कामयाब न हों और इनसे देश के नागरिकों को कोई खतरा नहीं हो।’
जनरल रणबीर सिंह ने कहा, “अभियान बंद कर दिया गया है। अभियान जारी रखने की कोई योजना नहीं है। हालांकि भारतीय सुरक्षाबल किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने कहा कि भारतीय कार्रवाई बहुत विश्वसनीय जानकारी के आधार पर की गई।
गुरुवार को पाकिस्तान की ओर से दोनों देशों के बीच जम्मू एवं कश्मीर को विभाजित करने वाली नियंत्रण रेखा के उस पार से नौगाम सेक्टर में दानेश और लक्ष्मी चौकियों पर गोलीबारी की जिस पर भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की।
पाकिस्तान ने कहा है कि एलओसी पर गोलीबारी बुधवार देर रात 2.30 बजे शुरू हुई जो गुरुवार सुबह आठ बजे तक जारी रही।
बयान के मुताबिक, “पाकिस्तानी सेना ने भीमबेर, हॉट स्प्रिंग केल और लीपा सेक्टरों में एलओसी पर भारतीय सेना की ओर से बिना किसी उकसावे के की गई गोलीबारी का माकूल जवाब दिया।”
भारतीय डीजीएमओ ने कहा कि उन्होंने अपने पाकिस्तानी समकक्ष से बात कर उन्हें भारत की चिंताओं से अवगत कराया और अभियान के बारे में भी जानकारी दी। भारत का इरादा है कि क्षेत्र में शांति बनी रहे लेकिन हमलोग आतंकियों को सीमा पार से आकर देश के नागरिकों पर हमले करने की इजाजत कदापि नहीं दे सकते।
उन्होंने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान की सेना हमारे क्षेत्र से आतंकवाद के खतरे को समाप्त करने के लिए हमें सहयोग देगी।”–आईएएनएस
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