नई दिल्ली, 28 सितम्बर | भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में सैन्य शिविर पर हुए आतंकी हमले के सीमापार से जुड़े होने के सबूत सौंपे। हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने अब्दुल बासित को तलब किया और उन्हें दो गाइड का ब्यौरा सौंपा और कहा कि इन दोनों ने आतंकियों को 18 सितम्बर को उड़ी सैन्य शिविर तक पहुंचाने में मदद की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट में बताया, “विदेश सचिव ने उड़ी हमले के सीमा पार से सूत्रपात का सबूत पेश किया।”
स्वरूप ने कहा कि बासित को बताया गया कि दोनों गाइड को उड़ी में गांव वालों ने पकड़ा था और वे भारत की हिरासत में हैं।
अधिकारियों ने उनकी पहचान यासीन खुर्शीद (19) के रूप में की है जो मुजफ्फराबाद के खिलियाना कलां का रहने वाला है। दूसरे की पहचान फैजल हुसैन अवान (20) के रूप में की गई है। इसके पिता का नाम गुल अकबर है और यह मुजफ्फराबाद के पोथा जहांगीर का रहने वाला है।
मुजफ्फराबाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी है और इसे भारत के खिलाफ काम करने वाले आतंकी गुटों के अभ्यारण्य के रूप में जाना जाता है।
गत 18 सितम्बर को उड़ी में सैन्य शिविर पर हुए आतंकी हमले में मारे गए चार आतंकियों के बारे में माना जाता है कि वे पाकिस्तान से आए थे। पाकिस्तान ने इन हमला करने वालों से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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