भुवनेश्वर, 20 सितम्बर| ओडिशा में एक अपतटीय परीक्षण केंद्र से मंगलवार को जमीन से आकाश में मार करने वाले बराक-8 प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण किया गया। भारत ने इजरायल के साथ मिलकर इस प्रक्षेपास्त्र का विकास किया है। एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के लांच पैड से जमीन से हवा में मार करने वाले इस प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण किया गया।
ओडिशा में बालासोर जिले के आईटीआर प्रक्षेपण परिसर-3 से करीब 10.15 बजे एक मोबाइल प्रक्षेपक से प्रक्षेपास्त्र को को छोड़ा गया।
सतह से हवा में मार करने वाले बराक-8 प्रक्षेपास्त्र के सफल परीक्षण पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने डीआरडीओ को ट्वीट कर बधाई दी।
अधिकारी ने कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) शीघ्र ही कुछ और परीक्षणों की योजना बना रहा है।
फाइल फोटो क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ जो अक्टूबर 17, 2014 को लांच की गई थी।
डीआरडीओ और इजरायल एयरो स्पेश इंडस्ट्रीज(आईएआई) तथा हथियारों और प्रौद्योगिकी ढांचा के विकास के लिए इजरायल प्रशासन ने संयुक्त रूप से इस उन्नत प्रक्षेपास्त्र का निर्माण एवं विकास किया है।
लंबी दूरी के सतह से हवा में मार करने वाले बराक-8 प्रक्षेपास्त्र के पास 70 से 90 किलोमीटर के दायरे में लक्ष्य भेदने की क्षमता है। किसी भी तरह के आसमानी खतरे से रक्षा के लिए इस प्रक्षेपास्त्र का निर्माण किया गया है। हवाई जहाजों और हेलीकॉप्टरों के अलावा यह सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों और प्रक्षेपास्त्रों को भी मार गिरा सकता है।
यह परमाणु आयुध ढोने में सक्षम है। इसका वजन 2.7 टन और लंबाई 4.5 मीटर है।
जिला प्रशासन ने परीक्षण केंद्र के आसपास 2.5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले करीब 3500 लोगों को अस्थाई तौर पर अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया था।
बराक-8 मूल रूप से बराक-1 प्रक्षेपास्त्र पर आधारित है, लेकिन लक्ष्य को खोजने में यह उससे बेहतर है।
बराक-8 की राडार प्रणाली 360 डिग्री क्षेत्र को आच्छादित करती है और यह प्रक्षेपास्त्र जहाज से 500 मीटर की दूरी पर भी दुश्मन के प्रक्षेपास्त्र को मार गिरा सकता है।
प्रत्येक बराक प्रणाली में प्रक्षेपास्त्र के पात्र, कंप्यूटर, राडार और यंत्र आदि होते हैं, जिसकी कीमत 2.4 करोड़ डॉलर है।–आईएएनएस
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