भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बेकाबू न हो : अमेरिका

वाशिंगटन, 9 सितंबर| अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तल्खी कम करने के लिए वार्ता की अपील की है। उसका कहना है कि वह नहीं चाहता कि दोनों देशों के संबंध बदतर हों, जिसके ‘परिणाम स्वरूप किसी प्रकार की घटना घटे।’ दोनों दक्षिण एशियाई देशों के बीच के संबंधों में कड़वाहट बढ़ने के मद्देनजर, अमेरिका के विदेश विभाग ने यह प्रतिक्रिया दी है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा था कि दक्षिण एशिया में आतंकवाद के प्रसार के लिए एक ही देश जिम्मेदार है, वहीं पाकिस्तान ने पलटवार करते वह ‘एक देश’ होने का आरोप भारत पर लगाया था।

यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका को भारत तथा पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करनी चाहिए, अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, “हम अपने साथ हर तरह की बातचीत में दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों के लिए भारत या/और पाकिस्तान को उत्साहित करते हैं।”

फोटो सौजन्य: यूएस डिपार्टमेंट आॅफ स्टेट

दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए टोनर ने कहा, “यह क्षेत्र के सुरक्षा के हित में है कि वे तनाव कम करने के लिए काम करें और उन्हें बातचीत करनी चाहिए।”

उन्होंने कहा, “और यही कारण है कि हम इसके लिए नियमित तौर पर दोनों देशों को उत्साहित करते रहे हैं, क्योंकि हम नहीं चाहते कि दोनों देशों के तनाव बढ़कर नियंत्रण से बाहर हो जाएं और यह किसी तरह की घटना का कारण बने।”

इस्लामाबाद ने मुठभेड़ में मारे गए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी को ‘शहीद’ करार दिया था, जिसके बाद से कश्मीर में जारी अशांति को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया।

बीते आठ जुलाई को बुरहानी वानी को सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था, जिसके बाद कश्मीर घाटी में हो रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के दौैरान प्रदर्शनकारियों व सुरक्षाबलों की झड़पों में कम से कम 76 लोग मारे जा चुके हैं।

पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के प्रयास का भी भारत ने विरोध किया है।

जनवरी महीने में भारत के पठानकोट में भारतीय वायुसेना के एक अड्डे पर हमले को लेकर भी दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आई। भारत ने इस हमले का आरोप पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर लगाया है।

मार्क टोनर ने गुरुवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी अपने हाल के एशिया दौरे के दौरान पाकिस्तान नहीं गए थे, जिसे अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

जॉन केरी ने हाल ही में मध्य पूर्व और भारत, बांग्लादेश सहित एशियाई देशों का दौरा किया था।

टोनर ने कहा, “जॉन केरी का भारत का आधिकारिक दौरा रणनीतिक और व्यापारिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए था।” उन्होंने कहा कि इसके पहले केरी ने पाकिस्तान का दौरा किया था और वह पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बराबर संपर्क में हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका क्षेत्र में आतंकवाद से मुकाबले के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम कर रहा है।