पाकिस्तान के गायक शफकत अमानत अली ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संगीत और कला का आदान-प्रदान बीते वर्षो में और भी मजबूत हुआ है। यह रिश्ता दोनों तरफ की राजनीति के हस्तक्षेप से अप्रभावित रहा है।
पाकिस्तानी गायक का मानना है कि उनके देश के कलाकारों को राजनीतिक ताकतों के दबाव के कारण भारत में प्रस्तुति देने से मना किए जाने के बावजूद संगीत ने दोनों राष्ट्रों के बीच की दूरी को पाटने में अहम भूमिका निभाई है।
अली ने यहां अपने दौरे के दौरान कहा, “भारत और पाकिस्तान के संगीतमय रिश्ते को तबाह करने में राजनीति नाकाम रही है। यह रिश्ता हमेशा से रहा है और बीते वर्षो में मजबूत हुआ है।”
पिछले वर्ष शिवसेना के विरोध कारण मुंबई में गजल गायक गुलाम अली का शो रद्द होने के बारे में अली ने कहा, “मेरा मानना है कि अगर संगीत का यह रिश्ता नहीं होता, तो स्थिति और भी बदतर होती। लेकिन, फिर भी यह सही है कि कई बार तनाव की वजह से कई चीजें रद्द की गईं। जैसे कि गुलाम अली का शो रद्द करना पड़ा।”
अली ने कहा, “इस तरह के राजनीतिक कार्य इस रिश्ते को प्रभावित करते हैं, लेकिन सबसे अच्छी बात यह रही कि न ही गुलाम अली ने भारत में शो न करने की बात की और न ही भारतीय प्रशसंकों ने कहा कि वे गुलाम अली को यहां नहीं देखना चाहते। ”
इस मामले में उनका मानना है कि संगीत एक पुल की तरह दोनों देशों को जोड़े रखने का काम कर रहा है।
अली का यह भी मानना है कि दोनों देशों की सरकारें जब भी द्विपक्षीय वार्ता करें, इनमें मुद्दों के तार्किक अंत पर जोर होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति आता है और कुछ कहता है, जिसके कारण विवाद खड़ा होता है और सब कुछ बर्बाद हो जाता है। मुझे लगता है कि हमें इस बात को समझना चाहिए कि जो भी हम शुरू कर रहे हैं उसका एक अंत निर्धारित हो और विवाद खड़ा करने वालों को नजरअंदाज किया जाए।”
बॉलीवुड में ‘मितवा’, ‘ये हौसला’, ‘बिन तेरे’ और ‘दिलदारा’ जैसे गीतों को गाने वाले गायक शफकत अमानत अली ने कहा, “पाकिस्तानी कलाकारों के लिए बॉलीवुड के दरवाजे हमेशा खुले रहे हैं। हर बीतते दिन के साथ यह और खुल रहा है।”
उन्होंने कहा कि दलेर मेंहदी, मीका सिंह और कैलाश खेर जैसे कई कलाकारों ने भी पाकिस्तान में प्रस्तुति दी है। दोनों देशों के संगीत का चुनाव एक समान है। जो यहां हिट होता है, वह वहां भी हिट होता है।
अली का कहना है कि जब वह यहां प्रस्तुति देते हैं, तो उन्हें भारतीय संगीत प्रेमियों का प्यार और समर्थन मिलता है।
-इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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