उज्जैन, 12 मई| देश में भारत माता की जय को लेकर चल रही बहस के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि यहां जन्म लेने वालों की दो माताएं हैं, एक जन्म देने वाली और दूसरी भारत माता।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान निनौरा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय विचार कुंभ का उद्घाटन करते हुए गुरुवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारी एक जन्मदात्री माता है, जो सब को समझ में आती है, पर मैंने प्राथमिक कक्षा में मराठी में एक किताब पढ़ी थी, जिसमें एक अध्याय ‘दो माताएं’ था। इस अध्याय में कहा गया है कि ‘जैसी आपकी जन्म देने वाली माता है, वैसी ही एक भारत माता भी है, जो आपकी मातृभूमि है। जन्म देने वाली माता के कारण शरीर मिला, मातृभूमि के कारण संस्कार मिला। “
उन्होंने आगे कहा कि ‘सुजलाम सुफलाम’ मातृभूमि होने के कारण हमें सुरक्षित और समृद्घ भूमि मिली, जिसका परिणाम यह हुआ कि हमने कभी दूसरों से संघर्ष की मनोवृत्ति नहीं सीखी, क्योंकि कोई आ ही नहीं सकता तो लड़ेंगे क्यों और आ भी गया तो सबके लिए है। आज यहां कितने लोग रह रहे हैं, यह प्रचंड भूमि है, यहां विविधता है। कोई किसी और संप्रदाय की भाषा बोलने वाला आ गया तो उसे भी समाहित कर लिया।
विचार कुंभ के उद्घाटन मौके पर जूना अखाड़े के प्रमुख अवधेशानंद गिरी, गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणब पंड्या, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।–आईएएनएस
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