भारत में ज्वालामुखी विस्फोटों के कारण डायनासोर खत्म हुए

न्यूयॉर्क, 10 जुलाई | भारत में ज्वालामुखी विस्फोटों के संयुक्त प्रभाव और मेक्सिको में किसी क्षुद्रग्रह की धरती से टक्कर हो जाने के कारण 6.6 करोड़ साल पहले जीवों के विलुप्त होने की सबसे बड़ी घटना डायनासोर के खत्म होने की हुई। एक नए शोध में इसकी पुष्टि हुई है। शोधकर्ताओं में से एक फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के आंद्रे डट्टन का कहना है, “काफी संभावना है कि ज्वालामुखी विस्फोटों और क्षुद्रग्रह की टक्कर दोनों ही घटनाएं सबसे बड़ी विलुप्ति के लिए जिम्मेदार है।”

डट्टन आगे कहते हैं, “क्षुद्रग्रह के टकराने से पहले ही डेक्कन ट्रैप के कारण पृथ्वी का पर्यावरणीय परिस्थितिक तंत्र बिगड़ चुका था।”

डेक्कन ट्रैप भारत में है और दुनिया के सबसे बड़े ज्वालामुखी के क्षेत्रों में से एक है।

डट्टन और उनके सहयोगियों ने मिशिगन विश्वविद्यालय में एक नई तकनीक से अंटार्टिका के समुद्री तापमान का पुनः निरीक्षण करते हुए आंकड़ों का विश्लेषण किया, जिससे इस विचार की पुष्टि हुई कि ज्वालामुखी फटने और किसी क्षुद्रग्रह के टकराने के कारण ही 6.6 करोड़ साल पहले धरती पर जीवों के विलुप्त होने की सबसे बड़ी घटना हुई थी।

यह शोध नेचर कम्यूनिकेशन जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें अंटार्कटिक समुद्र में जीवाश्म के गोले की रासायनिक संरचना के विश्लेषण के लिए हाल ही में विकसित किए गए तकनीक का प्रयोग किया गया है, जिसे कार्बोनेट क्लंप्ड आइसोटोप पेलियोथर्मोमीटर नाम दिया गया है।

इस विश्लेषण से पता चला कि समुद्र के तापमान में काफी वृद्धि हुई है।–आईएएनएस