नई दिल्ली, 03 फरवरी (जनसमा)।मुस्लिम धर्म गुरुओं और सामाजिक नेताओं के एक शिष्टमंडल ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उनसे मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। शिष्टमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के मुस्लिम युवक इस्लाम के नाम पर फैलाए जा रहे किसी भी प्रोपगंडा के शिकार नहीं हुए हैं। उन्होंने अल्पसंख्यकों के लिए शांति और सुरक्षा का माहौल बनाने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की ओर से उठाए गए कदम पर संतोष जताया।
धर्म के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा की निंदा करते हुए शिष्टमंडल ने कहा कि इस्लाम सभी के लिए शांति और बेहतरी की बात करता है। किसी को इस्लाम के इस नीति के प्रति भ्रमित नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों समेत तमाम आतंकवाद के खिलाफ हैं।
शिष्टमंडल में शामिल नेताओं ने यह खास तौर पर रेखांकित किया कि भारत में मुस्लिमों को पूरी आजादी मिली हुई है और वे पूरी तरह सुरिक्षत हैं। यहां तक कि मुस्लिम शासित देशों में भी उन्हें इस तरह की आजादी और सुरक्षा हासिल नहीं है।
शिष्टमंडल में शामिल प्रतिनिधियों ने मुस्लिम समुदाय में शैक्षिक और आर्थिक पिछड़ेपन का मुद्दा उठाया और सरकार से अनुरोध किया कि इसे दूर करने के लिए सकारात्मक कदम उठाए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज की बेहतरी के लिए सरकार की ओर से कदम उठाए जाएं। इस मुलाकात में यह भी सुझाव दिया गया कि सांप्रदायिक एकता को मजबूत करने के लिए विभिन्न संप्रदायों के बीच वार्ता का एक मंच बने। इसमें सभी धर्मों के धार्मिक और सामाजिक नेता और इससे जुड़े लोग शामिल हों।
मुस्लिम समुदाय के नेताओं और प्रतिनिधियों के इस शिष्टमंडल में प्रमुख शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद, दरगाह अजमेर शरीफ, अजमेर के प्रमुख अब्दुल वाहिद हुसैन चिश्ती, जमीअत-उल-हिंद के महासचिव नियाज फारूकी, मौलाना इकबाल अहमद चिश्ती, महासचिव, मौलाना वमिक रफीक वारसी साहब, प्रमुख दरगाह देवा शरीफ, जनाब मोहिब्बुला नदवी, प्रमुख इमाम, पार्लियामेंट मस्जिद, मौलाना मोहम्मद अलीम नदवी, हरियाणा इमाम ऑर्गेनाइजेशन, यमुना नगर और डॉ. एम. जे. खान, राष्ट्रीय समन्वयक, मुस्लिम इकोनॉमिक फोरम शामिल थे।
इस शिष्टमंडल में जो बेहद अहम लोग शामिल थे उनमें कन्फेडरेशन ऑफ माइनरटीज एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन कमल फारूकी, जाने-माने पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार कमर आगा भी थे।
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