टोक्यो, 31 मई| चीन की आर्थिक सुस्ती के बाद दुनिया को विकास के अन्य इंजनों की तलाश है और भारत यह जरूरत पूरी कर सकता है। यह बात मंगलवार को यहां केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कही। उन्होंने यहां जापान के निक्के ई इंक द्वारा आयोजित फ्यूचर ऑफ एशिया सम्मेलन में अपने भाषण में कहा, “विकास को संबल देने की चीन की क्षमता उपलब्ध नहीं रह सकती है, इसलिए दुनिया को विकास के लिए अन्य कंधे की जरूरत है।”
जेटली ने कहा, “चूंकि हमारे पास अवसंरचना में काफी संभावना है और खर्च किया जाना बाकी है, इसलिए भारत आर्थिक विकास का एक शक्तिशाली इंजन बनने की क्षमता रखता है।”
वित्त, कारपोरेट मामलों और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली टोक्यो में 29 मई, 2016 को सोफ्ट बैंक के सीईओ मसायोशी के साथ।
जेटली भारत में निवेश जुटाने के लिए जापान के छह दिवसीय दौरे पर आए हैं।
उन्होंने कहा कि आज कोई भी देश दूसरे देश को बेदखल नहीं कर सकता है, क्योंकि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के उभरने के लिए दुनिया में काफी गुंजाइश है।
उन्होंने कहा कि चीन की सुस्ती का मतलब यह है कि वह संरचनागत बदलाव कर रहा है और खपत को बढ़ावा दे रहा है।
उन्होंने कहा, “लेकिन चीन हमेशा एक बड़ी अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।”
उन्होंने कहा कि वैश्विक विकास दर करीब तीन फीसदी रह गई है और विकसित देशों के लिए यह दर और भी कम है। एशिया की विकास दर करीब छह फीसदी बनी हुई है।
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