भोजूडीह गांव में झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास 26 मार्च को भैरव महोत्सव का शुभारंभ करेंगे

रांची, 25 मार्च (जनसमा)। बोकारो  के चन्दनक्यारी प्रखंड के भोजूडीह गांव में 26 मार्च को भैरव महोत्सव का शुभारंभ होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री  रघुवर दास दिन भैरव महोत्सव का उदघाटन करेंगे। भैरव महोत्सव 28 मार्च तक चलेगा। करीब 800 साल पूर्व बने इस मंदिर की प्रतिमाएं 12वीं शताब्दी की हैं।

इस महोत्सव में पहले ही दिन हजारों की संख्या में लोगों के आने का अनुमान है।  इस दौरान पारंपरिक पूजा अर्चना के साथ ही वृहद स्तर पर मेले तथा सांस्कृतिक समारोह का भी आयोजन किया गया है। 26 मार्च को  गायक कैलाश खेर, 27 को कुमार शानू और 28 को पंडवानी लोक गीत-नाट्य की पहली महिला कलाकार तीजन बाई कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी।

चन्दनक्यारी प्रखंड से सिर्फ दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित भोजूडीह गांव में भैरव बाबा का एक प्राचीन मंदिर है, जिसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रह है।यहां भैरव बाबा के अलावा मां दुर्गा की भी प्रतिमा स्थापित है। वैसे तो यहां हर दिन पूजा होती है, लेकिन शिवरात्रि और फाल्गुन माह में यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भैरव मंदिर में प्रसाद के रूप में नारियल चढ़ाया जाता है। कहते हैं कि इस मंदिर में जो भी मन्नत मांगी जाती है उसे भैरव बाबा जरूर पूरी करते हैं।

भैरव स्थान न सिर्फ अपने प्राचीन मंदिर के कारण प्रसिद्ध है, बल्कि यहां एक चमत्कारी तालाब भी है, जिसके पानी से स्नान करने पर कई बीमारियों के दूर हो जाने की मान्यता रही है। चन्दनक्यारी के आसपास जहां कहीं किसी बच्चे का जन्म होता है, उसे इस तालाब के अमृत जल से नहलाया जाता है। कहते हैं कि ऐसा करने से बच्चे को कोई बीमारी नहीं होती है। तालाब के अंदर दो पत्थर के चाक लगे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि सदियों पहले यहां रहने वाले लोगो ने इस तालाब के पानी को दामोदर नदी तक पहुंचाने के लिए लगाया था। आज भी यह चाक तालाब में देखे जा सकते है।

झारखण्ड सरकार का पर्यटन विभाग भैरव स्थान को विकसित करने के लिए कई योजनाएं बना रहा है। तीन दिवसीय भैरव महोत्सव का आयोजन इस बार कला संस्कृति विभाग की ओर से कराया जा रहा है,  ताकि झारखण्ड के लोगों के साथ ही देश भर के लोग न केवल इस मंदिर की महिमा को जानें, बल्कि यहां आकर बाबा भैरव के दर्शन भी करें।