भोपाल, 28 जून (जनसमा)। मध्यप्रदेश में भोपाल स्मार्ट-सिटी मिशन में नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट को प्रोत्साहित किया जायेगा। भोपाल देश का पहला ऐसा शहर है, जहाँ स्मार्ट पब्लिक बाइक शेयरिंग योजना लागू की जा रही है। इसमें शुरूआत में 50 साइकिल स्टेशन और 500 स्मार्ट साइकिल उपलब्ध होंगी। कोई भी व्यक्ति एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर पहुँचकर साइकिल को छोड़ सकेगा। तीन गियर वाली इन साइकिल के पीछे एक कम्प्यूटर लगा है, जो स्मार्ट-कार्ड के माध्यम से भुगतान कर डाकिंग स्टेशन से साइकिल को निकलवाने के लिये जरूरी है। जीपीएस युक्त साइकिल से कंट्रोल-रूम में इनकी सतत निगरानी होती रहेगी। एप, स्मार्ट-कार्ड, लॉग-इन-पिन अथवा मोबाइल फोन से भुगतान द्वारा साइकिल किराये पर ली जा सकेगी। कम किराये की वजह से शहर में साइकिलिंग को प्रोत्साहन भी मिलेगा।
फोटो: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 17 मई, 2016 को को भोपाल के उत्तरी टीटी नगर में स्मार्ट सिटी परियोजना का निरीक्षण करते हुए।
प्रदेश के तीन शहर का चयन स्मार्ट-सिटी योजना में हुआ है। भोपाल, इंदौर और जबलपुर को स्मार्ट-सिटी योजना में शामिल किया गया है। यहाँ नागरिकों को अत्याधुनिक सुविधाएँ मिलेंगी।
भोपाल को पुनर्विकास मॉडल के लिये चयनित किया गया है। पुनर्विकास शहर की युवा पीढ़ी के लिये नयी नौकरियों का सृजन करेगा। साथ ही निवेश की नयी संभावनाओं के चलते भोपाल आर्थिक रूप से समृद्ध भी होगा। स्मार्ट एण्ड इन्टेलीजेंट स्ट्रीट लाइटिंग परियोजना में 8 से अधिक सेवा भोपालवासियों को मिलेंगी।
आठ से अधिक सेवाओं में इन्टेलीजेंट स्ट्रीट-पोल, एरिया बेस्ड डेव्हलपमेंट के लिये प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट, मोबाइल आधारित नागरिक सेवा वितरण और भोपाल शहर के लिये सहयोग मंच, इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम-कंट्रोल एण्ड कमाण्ड सेंटर, पब्लिक बाइक शेयरिंग, भोपाल शहर में जीआईएस सुविधा, भोपाल गोल्डन माईल एवं इनोवेशन सेंटर और सोलर सिटी भोपाल शामिल है।
शहर की स्ट्रीट लाइट को एलईडी लाइट में बदला जायेगा। सौ से अधिक स्थान पर वाई-फाई सुविधा, पर्यावरण की जानकारी के लिये सेंसर, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, स्मार्ट पार्किंग, डिजिटल सूचना-पटल तथा अत्याधुनिक कंट्रोल एवं कमाण्ड सेंटर शुरू किया जायेगा। परियोजना के क्रियान्वयन से मोबाइल कॉल-ड्राप की समस्या से भी निजात मिलेगी। पीपीपी मोड में स्मार्ट स्ट्रीट लाइट परियोजना में लगभग 400 करोड़ का निवेश भारतीय इन्फ्राटेल, एरिक्शन और एचपीएल द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना से नगर निगम भोपाल को प्रतिवर्ष राजस्व भी मिलेगा।
भोपाल प्लस सिटीजन एप नागरिक सुविधाओं को देने के लिये उपयुक्त साधन होगा। इसके माध्यम से नागरिकों को विभिन्न सेवाएँ एक ही मंच पर मिल सकेंगी।
भोपाल सिटी लेवल भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) एक इण्टर-ऐक्टिव मानचित्र प्रणाली है, जो शासकीय विभागों, नागरिकों और शहर के व्यापार के लिये अत्यधिक उपयोगी साबित होगी। सीवरेज, जल-प्रदाय, परिवहन, स्वास्थ्य शिक्षा, पर्यटन, विद्युत जैसी विभिन्न सेवाओं की एक विशेष लेयर होगी, जिसे संबंधित विभाग द्वारा उपयोग किया जा सकेगा। जन-सामान्य भी उस जानकारी से संबंधित सर्च एवं क्वेरीज के जरिये प्रशासन को सहयोग कर सकेंगे। भोपाल सिटी लेवल जीआईएस एक वन-मेप सिंगापुर की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। इसमें सभी विभाग एवं सेवाओं की एक विशिष्ट और इन्टरेक्टिव लेयर होगी। यह योजनाओं के क्रियान्वयन, सेवा प्रदाय और जनता के साथ सम्पर्क स्थापित करने के लिये महत्वपूर्ण साधन के रूप में उपयोग होगा।
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