मंत्रिमंडल में नौ नए चेहरों को शामिल करने की उम्मीद

नई दिल्ली, 4 जुलाई | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मंत्रिमंडल में फेरबदल करनेवाले हैं। इसमें नौ नए चेहरों को शामिल करने की उम्मीद है। यह मोदी के मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद सबसे बड़ा फेरबदल होगा। प्रेस सूचना ब्यूरो के प्रधान प्रवक्ता और महानिदेशक फ्रैंक नोरोन्हा ने ट्वीट कर बताया, “मंत्रिमंडल में विस्तार कल (मंगलवार) पूर्वाह्न् 11 बजे होगा।” उन्होंने हालांकि इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों का कहना है कि कई लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है, कुछ को पदोन्नति दी जानी है तो कई को बाहर का रास्ता दिखाया जाना है।

फाइल फोटो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल में कम से कम नौ नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है, जबकि तीन को पदोन्नति दी जा सकती है।

स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री पीयूष गोयल (बिजली, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा), धर्मेद्र प्रधान (पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस) और मुख्तार अब्बास नकवी (अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री) की पदोन्नति हो सकती है।

निर्मला सीतारमन को भी पदोन्नति दी जानी है, लेकिन इस बारे में अभी कुछ भी ठीक-ठीक कह पाना मुश्किल है।

जिन नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है, उनमें अर्जुन राम मेघवाल (लोकसभा, राजस्थान), पी.पी.चौधरी (लोकसभा, राजस्थान), अनुप्रिया पटेल (लोकसभा, उत्तर प्रदेश), अनिल देसाई (राज्यसभा, महाराष्ट्र), अजय टम्टा (लोकसभा, उत्तराखंड), महेंद्र नाथ पांडेय (लोकसभा, उत्तर प्रदेश), कृष्ण राज (लोकसभा, उत्तर प्रदेश), एस.एस.अहलूवालिया (लोकसभा, पश्चिम बंगाल) और पुरुषोत्तम रूपाला (राज्यसभा, गुजरात) हो सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, जिन नए सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है, उन्हें इस बार प्रधानमंत्री कार्यालय की बजाय भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ओर से सूचित किया।

आईएएनएस ने ऐसे अधिकांश नेताओं से बात की, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष की ओ से फोन कॉल आने की पुष्टि की। इनमें से कुछ दिल्ली पहुंच चुके हैं तो कुछ दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं।

इससे पहले मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी इस मुद्दे पर चर्चा की।

ऐसा अनुमान है कि मंत्रिमंडल के संभावित फेरबदल और विस्तार से मोदी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखना चाहते हैं।