नई दिल्ली, 24 मार्च (जनसमा)। केन्द्र सरकार ने लगभग एक करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशनयाफ्ताओं का मंहगाई भत्ता बढ़ाकर होली का तोहफा दिया। इससे हर साल सरकारी कोष पर 6796 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। सरकार ने यह जानकारों का कहना है कि सरकार बिना बोले यह मानती है कि बाजार में मंहगाई बढ़ गई है किन्तु आम आदमी पर मंहगाई का बोझ कम करने की दिशा में वैसा कोई कदम नहीं उठाया जैसा अपने लाड़लों के लिए उठाया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुद्धवार को केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (डीए) की अतिरिक्त किस्त जारी किए जाने तथा पेंशनयाफ्ताओं को महंगाई राहत (डीआर) 1 जनवरी, 2016 से दिए जाने को मंजूरी दे दी। यह मूल्य वृद्धि की क्षतिपूर्ति के लिए मूल वेतन/पेंशन के 119 प्रतिशत की वर्तमान दर की तुलना में 6 प्रतिशत के अधिक की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।
इससे 50 लाख सरकारी कर्मचारियों एवं 58 लाख पेंशनयाफ्ताओं को लाभ पहुंचेगा। यह वृद्धि स्वीकृत फार्मूले के अनुरूप है जो कि 6ठे केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की अनुशंसाओं पर आधारित है। महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत दोनों की वजह से वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान (जनवरी,2016 से फरवरी,2017 तक के 14 महीनों की अवधि के लिए) सरकारी खजाने पर संयुक्त प्रभाव क्रमश: 6796.50 करोड़ रुपये सालाना एवं 7929.24 करोड़ रुपये का होगा।
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