भोपाल, 25 अप्रैल (जनसमा)। धर्म, अध्यात्म एवं आस्था का महापर्व सिंहस्थ मध्यप्रदेश के उज्जैन के फ्रीगंज निवासी रोहित अहिरवार की जिंदगी में खुशियों का सबब बन गया है। कोई दो माह पहले तक किराने की एक दुकान में काम करने वाला रोहित अब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए चलाई जा रही योजना का लाभ लेकर एक ई-रिक्शा का मालिक बन गया है।
यूं तो मुख्यमंत्री द्वारा बेरोजगारों के हित में चलाई गई योजनाओं के प्रदेश में लाखों हितग्राही हैं लेकिन तीन बत्ती चौक फ्रीगंज निवासी 28 वर्षीय रोहित अहिरवार की कहानी कुछ अलग है। माँ-बाप के जीवन निर्वाह और भाई-बहन की पढ़ाई-लिखाई का जिम्मा अपने कंधों पर उठाने वाले रोहित बताते हैं कि किराने की दुकान में काम करने के एवज में मिलने वाली मजदूरी इतनी कम थी कि गुजारा बमुश्किल हो पाता था। उसने कहा कि भला हो मुख्यमंत्रीजी का जिन्होंने मुझ जैसे गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले लाखों परिवारों को ध्यान में रख कर योजनाएँ बनाईं।
अन्त्यावसायी निगम की योजना का लाभ लेकर आज मैं ई-रिक्शा का मालिक हूँ। इससे मुझे 800 से 1000 रूपये प्रतिदिन तक की कमाई हो जाती है। रोहित ने बताया कि इलाहाबाद बैंक की फ्रीगंज शाखा से उसे निगम ने डेढ़ लाख रूपये का ऋण दिलाया। इसमें मुझे राज्य शासन की ओर से पैंतालीस हजार रुपये की छूट मिली। बैंक ने ऋण चुकाने के लिए 3,200 रूपये प्रतिमाह की किश्त बनाई है। किश्त की रकम मैं प्रतिमाह जमा कर रहा हूँ। किश्त जमा करने के बाद भी प्रतिमाह मुझे 20 से 22 हज़ार रूपये का लाभ हो जाता है।
आज रोहित को सुकून है कि वह मजदूर से मालिक तो बना ही है, इसके साथ ही इस बात की भी खुशी है कि सिंहस्थ में पुण्य लाभ लेने वाले श्रध्दालुओं को लाने ले जाने एवं मेला क्षेत्र में घुमाने का निमित्त बन उनके पुण्य में भागीदार बन रहा है।
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