लखनऊ, 04 जून (जनसमा)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि किसानों को सबसे अधिक सुविधाएं एवं लाभ मण्डियों के माध्यम से पहुंचाया जा सकता है। इसलिए मण्डियों की कार्यप्रणाली सरल, तकनीक आधारित एवं किसान फ्रेण्डली होनी चाहिए। जींसों एवं अन्य कृषि उत्पादों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मण्डियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की मण्डियों को यूरोपीय देशों की मण्डियों की तरह किसानों की आर्थिक तरक्की में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए काम करना चाहिए।
उन्होंने मण्डियों में सोलर संयंत्र एवं एल.ई.डी लाइट लगाने तथा मण्डी परिषद/मण्डी समिति सेवा के अधिकारियों/कर्मचारियों को पेंशन सुविधा प्रदान करने का निर्देश भी दिया। मुख्यमंत्री शुक्रवार यहां शास्त्री भवन में मण्डी परिषद संचालक मण्डल की 150वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस मौके पर मण्डी परिषद के विभिन्न 2 कार्यों एवं योजनाओं के लिए 2358.28 करोड़ रुपए बजट की स्वीकृति प्रदान की गई। जिसमें 205 करोड़ रुपए की धनराशि मण्डी स्थलों के निर्माण, मरम्मत, विस्तार एवं आधुनिकीकरण के लिए प्रस्तावित किया गया है। जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना के तहत मण्डी परिषद द्वारा कराए गए कार्याें की समीक्षा करते हुए उन्होंने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1000 के बजाय 2000 ग्रामों को विकास कार्यों से संतृप्त करने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक जनता को मण्डी परिषद से लाभ पहुंचाया जा सके। इसके लिए 742 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इसी प्रकार नवीन सम्पर्क मार्गों के निर्माण अवशेष देयता के लिए 51.19 करोड़ रुपए, सम्पर्क मार्ग मरम्मत हेतु 100 करोड़ रुपए, मण्डी समितियों के अधिष्ठान, आधुनिकीकरण तथा किसान उपहार योजना के लिए 240 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। इसके साथ ही बुन्देलखण्ड पैकेज हेतु 14.48 करोड़, किसान बाजार योजना के लिए 70 करोड़ तथा मण्डी समितियों के लिए भूमि क्रय करने एवं प्रतिकर हेतु 60 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
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