नई दिल्ली, 3 जून | भाजपा ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी पर बदमाशों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और मथुरा में हुई हिंसा की न्यायिक जांच कराने की मांग की। हिंसा में दो पुलिस अधिकारियों समेत 24 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच, मथुरा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद हेमा मालिनी ने इस घटना की जांच सीबीआई से कराए जाने के पक्ष में हैं।
भाजपा के सचिव श्रीकांत शर्मा ने स्थिति नियंत्रण से बाहर जाने देने के लिए अखिलेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। शहर के जवाहरबाग क्षेत्र में हुई घटना के बाद से शर्मा मथुरा में हैं।
शर्मा ने कहा, “हम इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हैं।”
भाजपा के सचिव शर्मा ने आईएएनएस से कहा, “ये समाजवादी पार्टी के बदमाश थे, जिन्होंने तीन साल पहले जवाहरबाग इलाके में अतिक्रमण किया था और पुलिस को कार्रवाई की छूट नहीं दी गई थी। यह बिल्कुल लापरवाही का मामला है।”
शर्मा स्वयं मथुरा के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार के गठन के बाद से ऐसी 900 घटनाएं हुई हैं, जिनमें पुलिस को निशाना बनाया गया।
उन्होंने कहा कि यह पहली घटना नहीं है। पहले आजमगढ़ और प्रतापगढ़ में भी इस तरह की घटनाएं हुई थीं।
शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महाजंगलराज है, जहां बदमाश पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी करने से नहीं हिचकते हैं।
अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान हुई पुलिस और अक्रिमणकारियों के बीच झड़प में पुलिस अधीक्षक मुकुल द्विवेदी समेत 24 लोगों की मौत हो गई है।
झड़प में शामिल रहे 250 लोगों को हिरासत में लिया गया है। भारी पुलिस बन्दोबस्त के बावजूद शहर में तनाव का माहौल है।
स्थानीय सांसद हेमा मालिनी से जब एक टीवी चैनल के पत्रकार ने पूछा कि मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए? तो उन्होंने हां में जवाब दिया।
हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार पर हमला करते हुए हेमा मालिनी ने कहा, “उन्हें इसका ख्याल रखना चाहिए था।”
हेमा मालिनी ने दावा किया कि जवाहरबाग में लोगों के एक समूह के विरोध के बारे में उन्होंने पुलिस और जिला प्रशासन को आगाह कर दिया था।
उन्होंने कहा, “मैं नहीं जानती थी कि यह इस तरह का गंभीर मामला बनने जा रहा है। लेकिन दो महीने पहले मुझको जब जानकारी मिली कि कुछ झड़पें हो रही हैं तो मैंने कहा था और जिला अधिकारी ने कहा, हम इस मामले से निपट रहे हैं।”
हेमा मालिनी ने यह भी कहा, “यह अविश्वसनीय है कि इस तरह के विरोध दो साल से हो रहे थे।”
–आईएएनएस
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