नई दिल्ली, 7 जून | पिछले दिनों मथुरा में हुई हिंसा की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई करने से इन्कार कर दिया। एक सार्वजनिक पार्क से स्वाधीन विधिक सत्याग्रही संगठन के सदस्यों के अतिक्रमण को हटाने के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें दो पुलिस अधिकारियों सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी।
शीर्ष अदालत की अवकाश पीठ के न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष और न्यायाधीश अमिताव रॉय ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह उत्तर प्रदेश के लिए है कि वह सीबीआई से जांच कराने के लिए केंद्र सरकार के पास जाए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने सर्वोच्च न्यायालय में इस आशय की याचिका दायर की थी।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने इसका उल्लेख नहीं किया है कि गत सप्ताह हुई घटना के बाद राज्य सरकार ने कोई कदम उठाया है या नहीं उठाया है या जांच त्रुटिपूर्ण है जिससे लोगों में विश्वास कम हुआ है।
सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता से पूछा कि क्या उन्होंने सीबीआई जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के पास कोई अभिवेदन किया है?
उपाध्याय को याचिका वापस लेने की इजाजत देते हुए अदालत ने कहा कि सार्वजनिक पार्क से स्वाधीन विधिक सत्याग्रही संगठन के सदस्यों का कब्जा हटाने से संबंधित मामला अब भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित है और याचिकाकर्ता चाहे तो उस अदालत में पेश हो सकते हैं। –आईएएनएस
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