भोपाल, 24 अगस्त (जस)। मध्यप्रदेश जल्द ही देश का ऐसा दूसरा राज्य बनने वाला है जहाँ एक वर्ष में एक गाय से उन्नत नस्ल के तकरीबन 60 बच्चे उत्पन्न किए जा सकेंगे। मध्यप्रदेश के पशुपालन मंत्री अंतर सिंह आर्य ने केन्द्रीय वीर्य संस्थान भोपाल में 2 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाली इस निर्माणाधीन विश्व स्तरीय भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक प्रयोगशाला का अवलोकन किया। संभवत: आगामी अक्टूबर से यह अत्याधुनिक लैब काम करना आरंभ कर देगी। देश की इस तरह की पहली लैब राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, करनाल में है।
प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य पशुपालन एवं कुक्कुट विकास निगम एच.बी.एस. भदौरिया ने बताया कि आधुनिक लैब में इन विट्रो तकनीक का उपयोग किया जाएगा। भोपाल में वर्ष 2014 से स्थापित गौवंश भ्रूण प्रत्यारोपण लैब में अब तक ई.टी.टी. पद्धति से टेस्ट ट्यूब में उन्नत किस्म का भ्रूण तैयार कर गाय के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर 7 से 10 बछिया-बछड़े हर साल तैयार किए जा रहे हैं। प्राकृतिक तरीके से एक गाय अपने संपूर्ण जीवनकाल में 6-7 बच्चों को ही जन्म दे पाती है। कार्यपालन अधिकारी डॉ. आनन्द सिह कुशवाह ने मंत्री आर्य को माइक्रोस्कोप के जरिए भ्रूण प्रत्यारोपण प्रणाली से अवगत करवाया।
अंतर सिंह आर्य ने साहीवाल, गिर, मालवी, निमाड़, मोरवी नस्ल की गाय बछड़े-बछिया उनकी देखभाल, दी जाने वाली सुविधाओं, मिल्क पैकेजिंग सिस्टम, दूध दुहने, पालन करने की अत्याधुनिक व्यवस्थाओं को देखा। इस केन्द्र का संचालन उच्च अनुवांशिक गुण वाले गौवंश के उत्पादन के लिए किया जा रहा है।
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