भोपाल, 9 जून जनसमा। प्रदेश के विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखकर इंजीनियरिंग की ट्रेनिंग दें। मध्यप्रदेश की प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा कल्पना श्रीवास्तव ने यह बात ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना” पर हुई कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि योजना में आगामी तीन साल में 10 लाख युवा को इंजीनियरिंग स्किल की ट्रेनिंग देने का लक्ष्य है। योजना में शामिल होने वाले युवाओं के लिये उम्र का कोई बंधन नहीं होगा। प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा की अध्यक्षता में स्टेट स्टीयरिंग कमेटी गठित की जायेगी।
श्रीवास्तव ने कहा कि इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेज में खाली समय में युवाओं को ट्रेनिंग दी जायेगी। योजना में शामिल होने के लिये कॉलेजों से आवेदन बुलवाये गये हैं। योजना का पूरा खर्च केन्द्र सरकार उठायेगी। ट्रेनिंग कोर इंजीनियरिंग सेक्टर से संबंधित दी जायेगी, जिससे उन्हें रोजगार मिल सके। स्किल दक्षता का प्रमाणीकरण संबंधित सेक्टर स्किल काउंसिल करेगी। श्रीवास्तव ने कहा कि विद्यार्थी और शिक्षक की उपस्थिति क्लास-रूम में सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि ओपेन डायलॉग के साथ कार्य शुरू कर रहे हैं, तो परिणाम जरूर अच्छे आयेंगे। उपलब्ध संसाधनों से बेहतर स्किल विद्यार्थियों को मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का सम्मान बरकरार रखते हुए जहाँ जरूरी हो, वहाँ सख्ती भी की जाये। काउंसलिंग में कोई समस्या आये तो बात कर उसका निराकरण करें।
संचालक तकनीकी शिक्षा डॉ. आशीष डोंगरे ने बताया कि एक बेच में 25 विद्यार्थी रखे जायेंगे। इन्हें 250 घंटे की ट्रेनिंग दी जायेगी। ट्रेनिंग के बाद प्लेसमेंट और पोस्ट प्लेसमेंट सपोर्ट भी दिया जायेगा। डॉ. डोंगरे ने कहाकि जिस विषय के विशेषज्ञ हों, उसी विषय की ट्रेनिंग दिलवायें। गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें।
अपर सचिव सुनील गुप्ता ने कहा कि योजना की मॉनीटरिंग और ट्रेकिंग भी की जायेगी। वेब आधारित मेनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम बनाया जायेगा। गुप्ता ने कहा कि बारहवीं उत्तीर्ण बच्चों की काउंसलिंग जरूरी है। अन्य वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किये।
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