भोपाल, 27 मई (जनसमा)। मध्यप्रदेश के खनिज साधन, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा तथा जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने केन्द्र सरकार द्वारा खनिज क्षेत्र में लिए गए क्रांतिकारी निर्णयों की सराहना करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में जिला खनिज प्रतिष्ठान को पूर्ण रूप से संचालित होने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र की योजना के प्रावधान को लागू करते हुए इसका नियम प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है।
शुक्रवार को जयपुर में केन्द्रीय खान तथा इस्पात मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में राज्यों के खनिज मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए शुक्ल ने कहा है कि गौण खनिजों की पर्यावरणीय स्वीकृति जटिल तथा लम्बी प्रक्रिया को सरल बनाना आवश्यक है।
राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में जिला खनिज संस्थान को अविदाय किये जाने के लिये खाते खोले गये है। जिलों को प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के प्रावधानों के अनुरूप किये जाने वाले कार्यों के लिए परियोजना तैयार करने के निर्देश भी दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप जिला खनिज संस्थान में अविदाय की जाने वाली राशि की वसूली की कार्यवाई शुरू कर दी गई है। गत 12 जनवरी 2015 से 30 अप्रैल 2016 में इस मद में 120.23 करोड़ रूपये की राशि भी वसूल कर ली गई है। इसी प्रकार प्रदेश में राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास के तहत देय राशि की वसूली की कार्यवाई भी प्रांरभ कर दी गई है। इसके विरूद्ध 18.64 करोड़ रूपये की राशि वसूल की भी जा चुकी है।
खनिज मंत्री ने कहा कि मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि गौण खनिजों की नीलामी के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने ई-ऑक्शन पद्धति अपनायी है। इससे न केवल पारदर्शिता बड़ी है बल्कि रेत खनिज में प्रतिवर्ष प्राप्त होने वाला राजस्व 150 करोड़ से बढ़कर 1500 करोड़ से भी अधिक हो गया है। अब मध्यप्रदेश में सभी गौण खनिज शासकीय भूमि पर ई-नीलामी पद्धति से नीलाम किये जा रहे है।
उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन, परिवहन आदि पर रोक लगाने के लिए ई-ट्रांजिट पास के साथ-साथ दण्ड के प्रावधान और सख्त किये जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित खनन पद्धति का भी ज्यादा से ज्यादा उपयोग मुख्य खनिजों के साथ गौण खनिजों की निगरानी के लिए किया जायेगा।
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