भोपाल, 21 जनवरी। मध्यप्रदेश राज्य शासन ने प्रदेश की प्राइमरी शालाओं की बेहतरी के लिये सभी जिला कलेक्टर को ‘प्रणाम पाठशाला” कार्यक्रम के संचालन के निर्देश दिये हैं। शासन का मानना है कि व्यक्ति को अपनी प्राथमिक शाला से गहरा लगाव होता है। इससे उनके द्वारा अपनी प्राथमिक शाला के कल्याण के लिये कुछ कार्य करवाये जा सकते हैं।
हालांकि प्राथमिक शिक्षा अभियान के लोक-व्यापीकरण में प्राथमिक शालाओं को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करवायी गयी हैं। फिर भी शिक्षा की गुणवत्ता की दृष्टि से प्राथमिक शालाओं में और अधिक सुविधाओं की आवश्यकता बनी रहती है। शाला प्रबंधन समिति स्थानीय स्रोतों से आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकती है।
समिति के सदस्यों और संबंधित शाला के शिक्षकों द्वारा उस शाला में पढ़े हुए नागरिकों से वर्ष में एक बार शाला में आने के लिये अनुरोध किया जायेगा। ऐसे व्यक्ति के शाला में पहुँचने पर उन्हें शाला की आवश्यकताओं के बारे में बताया जायेगा। साथ ही उन्हें स्वेच्छा से अपनी क्षमतानुसार सहयोग के लिये प्रेरित भी किया जायेगा।
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