भोपाल, 20 अप्रैल। मध्यप्रदेश के महिला सशक्तिकरण विभाग के अंर्तगत संचालित लाडो अभियान में बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिले के सामूहिक विवाह कराने वाले आयोजकों, सभी धर्मगुरू, समाज के मुखिया, हलवाई, केटरर, बैंडवाला, घोड़ीवाला, ट्रांसपोर्ट, प्रिंटिंग प्रेस के प्रबंधक, ब्यूटी पार्लर और अन्य संबंधितों से अनुरोध किया गया है कि वे किसी विवाह या समारोह में शामिल होने से पहले यह अवश्य देख ले कि कही वो बाल विवाह तो नही है। यदि बाल विवाह हो तो इसे रोकने में शासन को सहयोग प्रदान करें। उन्होंने सभी विभागों को भी इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।
प्रिटिंग प्रेस के प्रबंधको से भी अनुरोध किया गया है कि पूरे वर्ष बाल विवाह पर निगरानी रखते हुये सहयोग प्रदान करे और उनके प्रिटिंग प्रेस से मुद्रित की जा रही पत्रिका में स्पष्ट रूप से उल्लेख करे कि वर-वधू बालिग है।
विभाग द्वारा कहा गया है कि बालक और बालिका का प्रति परीक्षण स्कूल की अंकसूची, जन्म प्रमाण पत्र और आंगनवाडी केन्द्र के रिकार्ड से किया जायें। इन दस्तावेजों के अभाव में ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल प्रमाण पत्रों को मान्य किया जायें।
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