भोपाल, 11 जून (जनसमा)। मध्यप्रदेश की कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री कुसुम महदेले ने शुक्रवार को गौहर महल में माटी-कला शिल्पियों के उत्पादों की प्रदर्शनी ‘माटी की महक” का शुभारंभ किया। प्रदर्शनी 19 जून तक प्रतिदिन दोपहर 3 से रात्रि 10 बजे तक खुली रहेगी। प्रदर्शनी में माटी शिल्पकारों द्वारा निर्मित टेराकोटा एवं सिरेमिक उत्पादों का विक्रय भी किया जायेगा।
प्रदर्शनी में माटी-कला शिल्पियों से चर्चा करते हुए महदेले ने कहा कि मध्यप्रदेश की माटी-कला अत्यंत प्राचीन एवं ऐतिहासिक है। माटी-कला प्रदर्शनी को विदेशों में आयोजित करने के भी प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने माटी-कला शिल्पियों को बेहतर प्रशिक्षण दिलवाने के निर्देश दिये। महदेले ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर माटी-कला बोर्ड का गठन होने के बाद माटी-कला शिल्पियों को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिये उन्हें प्रशिक्षण भी दिलवाया जा रहा है। अब मध्यप्रदेश की माटी-कला राजस्थान और गुजरात के समकक्ष पहुँच चुकी है। उन्होंने बुंदेलखण्ड की संस्कृति को माटी-कला के माध्यम से सामने लाने की बात भी कही।
कुसुम महदेले ने माटी-कला के विभिन्न स्टॉल पर जाकर शिल्पियों से उत्पादों के संबंध में जानकारी ली तथा उनकी कला की सराहना की। प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिले के शिल्पियों के अलावा राजस्थान के शिल्पियों द्वारा भी माटी-कला के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।
बोर्ड के सीईओ सी.एम. शर्मा द्वारा बताया गया कि अब तक 26 उद्यमी को जयपुर में ब्ल्यू पॉटरी तथा 549 उद्यमी को टेराकोटा, मोलेला टाइल्स एवं सेरेमिक उत्पाद निर्माण का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसी तरह 710 उद्यमी को विद्युत-चलित चॉक उपलब्ध करवाया जा चुका है। इस अवसर पर ग्रामोद्योग आयुक्त जी.वी. रश्मि भी उपस्थित थी।
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