भोपाल, 8 जुलाई (जनसमा)। मध्यप्रदेश में कुपोषण को दूर करने के लिये एक अभिनव अभियान शुरू किया जा रहा है। प्रदेश में 25 जुलाई से ‘सुर्जने से सुपोषण” अभियान की शुरूआत की जायेगी। मध्यप्रदेश की महिला-बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने शुक्रवार को कार्यभार संभालने के बाद विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान यह बातें कहीं।
चिटनीस ने कहा कि ‘सुर्जने से सुपोषण” अभियान में कुपोषित बच्चों के परिवारों की पहचान कर चार सुर्जने के और एक नींबू का पौधा वितरित किया जायेगा। चिटनीस ने बताया कि इस फली में विटामिन ‘सी’ की मात्रा संतरे से सात गुना ज्यादा, केल्शियम दूध से सत्रह गुना और आयरन की मात्रा पालक से 25 गुना अधिक पायी जाती है। यह अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जायेगा तथा सभी आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को प्रशिक्षित किया जायेगा।
महिला-बाल विकास मंत्री ने निर्देश दिये कि लाड़ली लक्ष्मी योजना के ई-सर्टिफिकेट का काम एक माह के भीतर पूरा करें। लाडो अभियान में ऐसा सिस्टम तैयार करें, जिससे एक महीने पहले ही बाल-विवाह की जानकारी हो जाये। अर्चना चिटनीस ने कहा कि सबला योजना को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लागू कर महिलाओं एवं बालिकाओं को आत्म-रक्षा के लिये प्रशिक्षित किया जायेगा।
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