भोपाल, 28 अगस्त। मध्यप्रदेश पुलिस के कम्प्यूटरीकरण के लिए सीसीटीएनएस (क्राईम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एण्ड सिस्टम्स) योजना सभी 1019 थानों और 428 वरिष्ठ कार्यालयों में क्रियान्वित की जा चुकी है। सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही सभी कार्य संपादित कर जनता को प्रथम सूचना रिपोर्ट दी जा रही है। सॉफ्टवेयर में अब तक 11 लाख से अधिक प्रथम सूचना एवं गुम वस्तुओं की रिपोर्ट दर्ज हुई है। जन साधारण को ऑनलाईन शिकायत, गुम वस्तुओं की सूचना दर्ज करवाने सहित अन्य सुविधाएँ सिटीजन पोर्टल तथा मोबाईल एप के माध्यम से इसी वर्ष उपलब्ध करवायी जायेगी।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना में सीसीटीएनएस एक मिशन मोड प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट भारत शासन एवं मध्यप्रदेश शासन की सहभागिता एवं संयुक्त वित्तीय अनुदान से प्रदेश में क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रोजेक्ट की कुल लागत 86 करोड़ 45 लाख 88 हजार रूपये है।
फोटो सौजन्य मध्य प्रदेश का नक्शा, मध्यप्रदेश पुलिस
वर्ष 2015 में सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट में माह जनवरी 2015 में कुल 161 पुलिस थानों में सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से काम शुरू किया गया था। माह जुलाई 2015 से मिशन मोड में काम करते हुए दिसम्बर 2015 तक कुल 1011 पुलिस थानों में काम शुरू कर लिया गया है। वर्ष 2015 में सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर में कुल 52 लाख रोजनामचा, 1 लाख 62 हजार प्रथम सूचना रिपोर्ट, 43 हजार अपराध विवरण पत्रक, 69 हजार गिरफ्तारी पत्रक, 43 हजार जब्ती पत्रक सहित 56 हजार चालानी पत्रकों का इन्द्राज किया गया।
सीसीटीएनएस योजना में कुल 10 हजार 869 अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। शेष का प्रशिक्षण प्रगति पर है।
प्रोजेक्ट में 1 जनवरी 2005 से थानों के गो-लाईव दिनांक तक इंद्राज किये गये हस्तलिखित आपराधिक रिकार्ड (लगभग 36 लाख) का डिजिटाईजेशन किया जाना है। प्रदेश में कुल 42 डाटा डिजिटाईजेशन केन्द्र स्थापित कर 702 डाटा एंट्री आपरेटर नियुक्त किये गये हैं। वर्तमान तक कुल 18 लाख डाटा का डिजिटाईजेशन का काम पूरा हो चुका है।
प्रदेश के कुल 1447 स्थान पर कनेक्टिविटी बीएसएनएल एवं स्वान के माध्यम से दी जाना थी। इसमें से 1265 स्थान पर कनेक्टिविटी उपलब्ध करवा दी गई है।
प्रोजेक्ट से विभाग को लाभ
सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट से पुलिस बल को कई लाभ हुए हैं। इसके जरिये प्रदेश के सभी अपराधियों की जानकारी सभी थानों को तत्काल उपलब्ध करवाई जा रही है। यह प्रोजेक्ट हस्तलिखित से इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख संधारण की ओर एक कदम है। इसमें विभिन्न रजिस्टर एवं रिपोर्ट सॉफ्वेयर के माध्यम से तैयार किये गये हैं। इसके माध्यम से थानों की कार्यवाही का सतत् एवं सघन पर्यवेक्षण संभव हुआ है। इसमें गिरफ्तार अपराधियों एवं बरामद संपत्ति की सूचना सभी थानों में तत्काल प्रसारित होती है। इसके जरिये चरित्र सत्यापन प्रदेश स्तर पर संभव हुआ है। अपरधियों का इतिहास एवं प्रवृत्ति की जानकारी प्रदेश स्तर पर उपलब्ध हो सकी है और विभिन्न राज्य से अपराधियों की सूचनाओं का आदान-प्रदान संभव हुआ है।
प्रोजेक्ट से जन-सामान्य को प्राप्त होने वाली सुविधाएँ
प्रोजेक्ट के माध्यम से गुमशुदा एवं दस्तयाब व्यक्तियों, अज्ञात शवों, गिरफ्तार व्यक्तियों, चोरी गये एवं बरामद वाहनों की जानकारी और जन-सामान्य उपयोगी विभिन्न सूचनाएँ एवं परिपत्र प्राप्त किये जा सकते हैं।
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