भोपाल, 6 अप्रैल | मध्य प्रदेश के विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की नई दरों का ऐलान कर दिया है। इसके अनुसार मध्यम वर्ग के घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों के लिए बिजली दरों में इजाफा किया गया है। मध्यम घरेलू उपभोक्ताओं के लिए आठ प्रतिशत का इजाफा किया गया है। वहीं कृषि पंप उपभोक्ताओं पर 13 पैसे प्रति यूनिट का भार आएगा। यह बढ़ोतरी बिजली कंपनियों की मांग पर की गई है। आयोग ने मंगलवार को बिजली की नई दरें घोषित की हैं। नई दरों के मुताबिक, 30 यूनिट तक की बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्हें दो रुपये 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से ही भुगतान करना होगा। इस श्रेणी में लगभग 37 लाख उपभोक्ता आते हैं। वहीं 100 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने वालों के लिए दरों में आठ प्रतिशत का इजाफा किया गया है। इस श्रेणी में लगभग 35 लाख उपभोक्ता आते हैं।
आयोग की ओर से दी गई आधिकारिक जानकारी में बताया गया है कि 100 यूनिट से अधिक की बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं पर भी आठ प्रतिशत का अतिरिक्त भार आएगा। इस वर्ग में 200 यूनिट से अधिक की बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं पर इस वृद्धि का असर कम होगा, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा 200 यूनिट से अधिक की बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की विद्युत दर एक अप्रैल से 15 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत की गई है।
इसके अलावा कृषि पंपों पर उपयोग में लाई जाने वाली बिजली दरों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है, लेकिन इस वर्ग पर 13 पैसे प्रति यूनिट का भार ही आएगा क्योंकि सरकार शेष राशि सब्सिडी के तौर पर देगी। वहीं किसानों के लिए फ्लैट रेट योजना को जारी रखते हुए पंप उपभोक्ताओं को 1,400 रुपये प्रति हॉर्सपॉवर की दर से भुगतान करना होगा, जो कि पिछले तीन वर्षो से 1,200 रुपये प्रति हॉर्सपॉवर था।
आयोग ने किसानों को कृषि पंप के लिए दी जाने वाली बिजली की दरों पर स्पष्ट किया है कि कृषि पंपों के लिए प्रति यूनिट लगभग 3़.70 रुपये अनुदान दिया जाएगा, वहीं किसानों को 93 पैसे प्रति यूनिट देना होगा। वहीं वर्ष 2015-16 में कृषि पंप उपभोक्ताओं को 80 पैसे प्रति यूनिट देय था और शेष 3.40 रुपये राज्य सरकार द्वारा अनुदान के तौर पर दिया जाता रहा है। इस तरह कृषि पंप उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 13 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है।
विद्युत नियामक आयोग द्वारा घोषित बिजली की नई दरें 13 अप्रैल से लागू हो जाएंगी। नई विद्युत दरों से 37 लाख उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं होगा। वहीं किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार को बिजली कपंनियों को 7,100 करोड़ रुपये देना होगा। बीते वर्ष यह राशि 6,300 करोड़ थी ।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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