जयपुर 31 मई (जनसमा)। राजस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा है कि महात्मा गांधी नरेगा योजना (मनरेगा) के अन्तर्गत जरूरतमंद व्यक्ति को रोजगार प्राप्त होने के साथ ग्रामीण क्षेत्र में आधारभूत संरचना को सुदृढ़ बनाने के लिए सामग्री एवं श्रम मद का अनुपात जिले को इकाई मानकर जिला स्तर पर संधारित करने के लिए केन्द्र सरकार को अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस पर जल्दी ही निर्णय हो जायेगा।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री मंगलवार को इन्दिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में राज्य के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में श्रम एवं सामग्री का अनुपात ग्राम पंचायत स्तर पर संधारित होता है। इस अनुपात के जिला स्तर पर संधारित हो जाने के निर्णय के बाद गांव-गांव में स्थाई महत्व की परिसम्पत्तियों का सृजन हो सकेगा।
गोयल ने कहा कि हमारा विभाग एक वर्ष में सोलह हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत खर्च करता है। उन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से कहा कि वे सामुदायिक विकास के कार्यों में रुचि लेकर कन्वर्जेन्स के माध्यम से अधिक से अधिक कार्य करवायें ताकि ग्रामीण जनता को सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिले।
उन्हाेंने कहा कि नई पंचायत समिति व ग्राम पंचायतों के भवन बनेंगे इसी वर्ष ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि नवगठित 723 ग्राम पंचायत एवं 47 पंचायत समितियों के भवन इसी वर्ष बनकर तैयार होंगे। उन्हाेंने इसके लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को भूमि चयन के साथ सभी आवश्यक औपचारिकताएं समय रहते पूर्ण करने के निर्देश दिए।
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