रायपुर, 16 फरवरी। कहते हैं जहां पर चाह हो वहां पर राह बनाना आसान होता है। ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के जनपद पंचायत पामगढ़ के ग्राम पंचायत कमरीद के लोगों ने कर दिखाया है।
शिवनाथ, महानदी और जोंक नदी के त्रिवेणी संगम पर स्थित शिवरीनारायण की पावनधरा के पास ही ग्राम पंचायत कमरीद और आश्रित ग्राम देवरघटा है। इस गांव में पथरीली जमीन होने के कारण तालाब का निर्माण नही हो पा रहा था। लोगों को निस्तारी के पानी के लिए बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रह था लेकिन गांव के लोगों के साहस और महात्मा गांधी नरेगा के सहयोग से गांव में न केवल तालाब का निर्माण हुआ बल्कि इससे गांव में आर्थिक समृद्धि के द्वार भी खुल गए हैं। तालाब के निर्माण जहां लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ वहीं निस्तारी के साथ सिंचाई के लिए भी भरपूर पानी उपलब्ध हो रहा है।
ग्राम पंचायत कमरीद के सरपंच जगतराम गोंड बताते हैं कि इस गांव को देवों की भूमि भी कहा जाता है परंतु पथरीली जमीन होने के कारण तालाब, सड़क और नहर नाली का निर्माण नही हो पा रहा था लेकिन गांवों वालों की दृढ़ इच्छा शक्ति और मनरेगा से गांव में न केवल तालाब बल्कि सड़क व नाली के निर्माण से गांव में आर्थिक समृद्धि के भी द्वार खुल गए हैं।
कमरीद ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम देवरघटा में शिवनाथ, महानदी और जोंक नदी के त्रिवेणी संगम तक पहुंच मार्ग नहीं होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जब मनरेगा से यहां पर मुरमीकरण सड़क का काम हुआ तो लोगों के आवागमन का साधन आसान हो गया। दूर-दूर से लोग यहां पर दर्शन करने पहुंचने लगे। बाद में इस मिट्टीमुरम सड़क पर ही डामरीकरण सड़क के निर्माण से आवागमन और सुलभ हो गया।
सरपंच ने बताया कि इसी तरह ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत संवरिया तालाब निर्माण, गौठान निर्माण, कमरीद से सबरिया डेरा पहुंच मार्ग, अडबंधा तालाब गहरीकरण, गोपाल आश्रम से देवरघटा पहुंच मार्ग, कमरीद मुख्य मार्ग से गोपाल आश्रम पहुंच मार्ग, मौली तालाब गहरीकरण देवरघटा, रामसागर तालाब गहरीकरण, सबरिया तालाब गहरीकरण व पचरी निर्माण, आश्रम पहुंच मार्ग से देवरघटा पहुंच मार्ग, मउहा तेंडूवाही तालाब गहरीकरण, तेंदुवाही तालाब गहरीकरण, सवरिया डेरा से पैसरघाट पहुंच मार्ग तथा डेरा रोड से श्मशान घाट पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य कराया गया है।
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