शिमला, 4 अक्टूबर (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तथा उनकी धर्मपत्नी एवं पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह मंगलवार को शिमला जिला के रामपुर से लगभग 35 किलोमीटर दूर करांगला स्थित माता कोट काली मन्दिरके प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए तथा पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मन्दिरों का जीर्णोद्धार प्रदेश की पारम्परिक वस्तुकला के अनुसार किया जाना चाहिए। यदि कोई मन्दिर की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है तो उसे दण्डित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मन्दिरों का किसी भी प्रकार की क्षति सहन नहीं की जाएगी और हमारे मन्दिरों व परम्पराओं, बोली व संस्कृति के संरक्षण की आवश्यकता है।
भावुक होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि करांगला माता उनके स्वप्न में आई तथा कहा कि क्या तुम्हें महसूस नहीं होता है कि मेरा ‘कोटी माता’ मन्दिर जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है और कभी भी गिर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगली सुबह मन्दिर की तत्काल मरम्मत के आदेश दिए गए और बाद में मन्दिर का जीर्णोद्धार किया गया। यह देवी ही थी, जिन्होंने मन्दिर के नवीनीकरण के स्वयंनिर्देश दिए और जीर्णोद्धार का सारा खर्चा मैंने उठाया।
वीरभद्र सिंह ने प्रदेश के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि विकास एक सत्त प्रक्रिया है और प्रदेश ने विकास के अनेक आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि जब हिमाचल का गठन हुआ था, उस समय प्रदेश में मात्र 288 किलोमीटर सड़कें थीं, जो आज बढ़कर 37000 किलोमीटर हो गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में 1640 किलोमीटर मोटर योग्य सड़कों तथा 160 पुलों का निर्माण कर 306 अतिरिक्त गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 45 महीनों के दौरान प्रदेश सरकार ने 1010 स्कूलों को खोला तथा स्तरोन्नत किया है, जिससे अब प्रदेश में स्कूलों की संख्या 15,500 हो गई है। उन्होंने कहाकि वर्तमान प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रदेश में 24 आईटीआई, 2 इंजिनियरिंग कालेज तथा 41 महाविद्यालय खोले हैं।
Follow @JansamacharNews