भोपाल, 20 अगस्त (जस)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अति वृष्टि से उत्पन्न स्थिति पर लगातार नजर रखें। जहाँ भारी वर्षा की चेतावनी है वहाँ और प्रभावित क्षेत्रों में पानी उतरने के बाद मौसमी बीमारियों की संभावना को देखते हुए पहले से दवाईयाँ आदि की जरूरी व्यवस्था करें। शिवराज शनिवार को यहाँ एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में अति वृष्टि से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिये हैं कि प्रभावित क्षेत्रों के बाँधों से पानी एक साथ नहीं छोड़ा जाये। बाँध के निचले क्षेत्र के गाँवों में पहले से इसकी सूचना दी जाये। पानी उतरने के बाद नुकसान सर्वे का काम तुरंत शुरू किया जाये। पूरे प्रदेश में निचले इलाकों में रहने वाले परिवारों का सर्वे किया जाये तथा इन परिवारों को दूसरे स्थान पर बसाने की कार्य-योजना बनायी जाये।
बैठक में बताया गया कि अति वृष्टि से रीवा शहर सहित जिले के 35, सतना जिले के 62 गाँव प्रभावित है जिनमें पाँच गाँव ज्यादा प्रभावित हैं। पन्ना जिले के 41 गाँव घिरे हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से सतना जिले में 4,215 लोगों को सुरक्षित रूप से निकाला गया है। सतना जिले में 3 नदी टमस, सिमरावल और छोटी टमस में ज्यादा पानी है। रीवा शहर में 6 मोहल्ले ज्यादा प्रभावित हुए हैं। पिछले 20 घंटे में रीवा शहर से 550 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इसी तरह जिले की जवा तहसील और त्यौंथर तहसील से 1000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इसी तरह रीवा जिले में कुल 1,550 और पन्ना जिले के 144 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
प्रभावित क्षेत्र में एन.डी.आर.एफ. की तीन और एस.डी.आर.एफ. की 12 टीम बचाव कार्य में लगी है। साथ ही 33 डी.आर.सी. संचालित है। सेना को बुलाया गया है साथ ही 2 हेलीकॉप्टर भी सतना में रखे गये हैं। बचाव कार्य में 30 मोटर बोट भी लगी है। बाढ़ एवं अति वृष्टि से प्रभावित लोगों के लिये रीवा में 38 शिविर संचालित है जिनमें 3500 लोग ठहरे हैं। इसी तरह सतना में 26 शिविर में 2500 लोग और पन्ना में तीन शिविर में 100 लोग ठहरे हैं।
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