Shivraj

मप्र : एकता परिषद को मनाने में जुटे शिवराज

भोपाल, 1 फरवरी | मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी से एकता परिषद द्वारा 18 फरवरी से प्रस्तावित पदयात्रा को लेकर सरकार हरकत में आ गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने खुद शनिवार को एकता परिषद के संस्थापक पी. वी. राजगोपाल के साथ बैठक कर उन्हें मनाने की कोशिश की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एकता परिषद द्वारा पदयात्रा की घोषणा किए जाने के बाद से सरकार परेशान है। सरकार ने इस पदयात्रा से पहले ही चर्चा के लिए राजगोपाल को भोपाल बुलाया। इसी क्रम में शनिवार को मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर राजगोपाल से लम्बी बातचीत की।

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री चौहान ने राजगोपाल को भरोसा दिलाया है कि वह बेघरों व भूमिहीनों के लिए आगामी विधानसभा सत्र में एक कानून बनाने वाले हैं, जिससे राज्य में कोई भी बेघर नहीं रहेगा और इसके अलावा जो भी अन्य समस्याएं रह जाएंगी, उसका हर संभव समाधान खोजा जाएगा।

राजगोपाल ने आईएएनएस से कहा, “उनकी मुख्यमंत्री चौहान से चर्चा हुई है, उन्हें जमीन संबंधी समस्याओं से अवगत कराया है। चौहान चाहते हैं कि प्रभावितों की समस्याएं उन तक आएं, और इसके लिए दोबारा संवाद करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “उनकी प्रस्तावित यात्रा तो होगी, मगर उसका स्वरूप क्या होगा, इस पर विचार-मंथन जारी है। इस यात्रा का मकसद प्रभावितों की समस्याओं को जानना है। जो समस्याएं सामने आएंगी, उस पर चौहान से फिर चर्चा होगी। संभव हुआ तो चौहान खुद यात्रा के समापन मौके पर आकर प्रभावितों की समस्याओं का समाधान करेंगे।”

ज्ञात हो कि राज्य में वनाधिकार अधिनियम का ठीक तरह से अमल नहीं हो पा रहा है। जिन जनजातियों के पास पट्टे हैं, उन पर दबंगों का कब्जा है। मुख्यमंत्री चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में 10 हजार से ज्यादा लोग भूमि का पट्टा पाने के लिए आवेदन दे चुके हैं, मगर उस पर अमल नहीं हो रहा है।

राज्य में वनाधिकार अधिनियम की वास्तविकता उजागर करने के लिए एकता परिषद ने मुख्यमंत्री चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी से 18 फरवरी से पदयात्रा का निर्णय लिया है।     –आईएएनएस