ओंकारेश्वर, 9 फरवरी | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की विशालकाय प्रतिमा राज्य के हर घर-घर से धातु एकत्रित कर बनाकर स्थापित करने का ऐलान किया है। नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के मकसद से अमरकंटक से शुरू हुई ‘नमामि देवी नर्मदा सेवा यात्रा’ के तहत ओंकारेश्वर में गुरुवार को ‘आदि शंकराचार्य के स्मरण प्रसंग’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने जूनापीठ के पीठाधीश्वर अवधेशानंद महाराज के सुझाव पर यह ऐलान किया। नर्मदा सेवा यात्रा गुरुवार को ओंकारेश्वर पहुंची। यह यात्रा 11 दिसंबर को अमरकंटक से शुरू हुई है। यात्रा का समापन 11 मई 2017 को होगा। यह यात्रा कुल 144 दिन चलेगी। गुरुवार को यात्रा को 59वां दिन है।
चौहान ने आगे कहा, “आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के लिए पूरे प्रदेश के घर-घर से धातु एकत्रित की जाएगी, दान में कोई भी धातु दी जा सकेगी, एकत्रित हुई धातु से संतों के परामर्श से प्रतिमा का निर्माण कराए जाने के बाद स्थापित किया जाएगा।”
चौहान ने आगे कहा, “आदि शंकराचार्य ओंकारेश्वर की जिस गुफा में गुरु के सान्निध्य में रहे, उस गुफा का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके अलावा वेदांत संस्थान स्थापित किया जाएगा। शंकराचार्य के जीवनकाल को दर्शाने के मकसद से संग्रहालय बनेगा और एक बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाएगी।”
इस कार्यक्रम में जूनापीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि, साध्वी ऋतंभरा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सुरेश सोनी सहित अनके संत मौजूद थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री चौहान ने आज ओंकारेश्वर में भगवान ज्योर्तिलिंग के सपत्नीक दर्शन किए। उन्होंने प्रदेश वासियों की सुख समृद्धि की कामना की। उन्होंने यहां नर्मदा नदी के पावन तट पर स्थित आदि शंकराचार्य की प्राचीन गुफा के भी दर्शन किए।
चौहान ने यहां पौधरोपण किया तथा साधु संतों से भेंट की। इस मौके पर चौहान की पत्नी साधना सिंह चौहान भी मौजूद थीं। मुख्यमंत्री यहां नर्मदा सेवा यात्रा एवं आदि शंकराचार्य के स्मरण प्रसंग पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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