भोपाल, 6 अक्टूबर | मध्यप्रदेश में आपदा पीड़ितों को मदद के तौर पर दिए जाने वाले खाद्यान्न का मामला हो या सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकानों से सस्ती दर पर दिए जाने वाले खाद्यान्न की बात, हर तरफ गुणवत्ताहीन व मिलावटी खाद्यान्न बांटने के मामले सामने आ रहे हैं। नया मामला डिंडौरी जिले का है, जहां राशन दुकानों से गुणववत्ताहीन गेहूं व चावल बांटे जा रहे हैं। यह खुलासा हुआ है जांच रिपोर्ट से।
पिछले दिनों डिंडौरी जिले की राशन दुकानों से गुणवत्ताहीन व मिलावटी गेहूं व चावल बांटे जाने की शिकायतें आई थीं। इस पर जिलाधिकारी अमित तोमर ने राशन दुकानों के लिए नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा वेयर हाउस में संग्रहीत किए गए गेहूं और चावल की जांच कराई गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
तोमर की ओर से जो जांच रिपोर्ट खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण के आयुक्त सह प्रबंधक को भेजी है। वह इस बात का खुलासा करती है कि राशन दुकानों से बांटा जाने वाला गेहूं व चावल गुणवत्ताहीन है।
आईएएनएस को मिली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन गोदाम परिसर में स्थित गोदाम क्रमांक दो और पांच की गेहूं व चावल की बोरियों के नमूनों की जांच की गई तो यह पाया गया कि यह खाद्यान्न गुणवत्ताहीन है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकानों से गरीबों, मध्याह्न भेाजन और सांझा चूल्हा कार्यक्रम के लिए खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। जिलाधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि गुणवत्ताहीन खाद्यान्न वितरित किए जाने से कई बार अप्रिय स्थिति निर्मित होती है। लिहाजा, इसे रोकने के लिए गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए।
ज्ञात हो कि इससे पहले राजधानी भोपाल में भी बाढ़ पीड़ितों को जो खाद्यान्न बांटा गया था, उसमें बड़ी मात्रा में मिट्टी मिली हुई थी। इस पर बड़ा हंगामा हुआ था। इसके अलावा कई गोदामों की जांच करने पर भी बोरियों में मिट्टी व पत्थर मिले गेहूं मिला था। अब डिंडोरी से भी इसी तरह की बात सामने आई है। –आईएएनएस
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