भोपाल, 16 सितंबर (जस)। मध्यप्रदेश में हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने पिछले कुछ साल में प्रभावी प्रयास किये हैं। इन स्कूलों के शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रदेश में कक्षा 10 का परीक्षा परिणाम बढ़कर इस वर्ष 2015-16 में 57.32 प्रतिशत हो गया है। इसमें एक वर्ष में 7.35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। प्रदेश में कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणाम में भी 7.27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा का परिणाम वर्ष 2015-16 में 73.94 प्रतिशत रहा है।
प्रदेश में हायर सेकेण्डरी स्कूलों में शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश में अब तक करीब 52 हजार शिक्षकों को पाँच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिलवाया जा चुका है। प्रशिक्षण में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी भाषा पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक 5,617 सरकारी स्कूल संचालित हो रहे हैं। प्रशासन अकादमी के माध्यम से इन स्कूलों के प्राचार्यों को नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एण्ड एडमिनिट्रेशन (एन.ई.यू.पी.ए.) के प्रशिक्षण माड्यूल पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह मॉड्यूल एनसीईआरटी द्वारा तैयार किया गया है।
हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कम्प्यूटर ट्रेनिंग पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। करीब 2,000 स्कूल में 725 मास्टर ट्रेनर तैयार लिये गये हैं। विद्यार्थी का गणित विषय मजबूत हो सके, इसके लिये 1200 स्कूल में एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा तैयार गणित किट का वितरण किया गया है। विज्ञान विषय में रूचि पैदा करने के लिये विज्ञान प्रदर्शनी जिला स्तर तक की गई है। स्कूल शिक्षा विभाग स्कूलों में प्रयोगशाला एवं लायब्रेरी सुधार के लिये प्रतिवर्ष 50 हजार रुपये प्रति स्कूल के मान से उपलब्ध करवा रहा है। शिक्षा विभाग के 224 विकासखंड से दो स्कूलों को मेंटर स्कूल के रूप में जवाबदारी दी गई है। शिक्षकों को ट्रेनिंग के दौरान दिये जाने वाले भत्तों की राशि में भी वृद्धि की गई है। कक्षा 8 के बाद कक्षा 9 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिये अब ब्रिज कोर्स का संचालन किया जा रहा है।
(फाइल फोटो)
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