मप्र सरकार की नजर राजे-रजवाड़ों की जमीन पर

भोपाल, 23 जून | मध्य प्रदेश सरकार की नजर अब राजे-रजवाड़ों की जमीन पर है और वह इन वगरें की जमीन को लेकर चल रहे विवादों को जल्दी निपटाने की तैयारी में है। राज्य के राजस्व मंत्री रामपाल सिंह ने विभाग की समीक्षा बैठक में साफ तौर पर कहा कि राज्य के राजे-रजवाड़ों की जमीन के संदर्भ में जल्दी फैसला लिया जाएगा।

राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक बुधवार को हुई। इस बैठक में राजस्व मंत्री सिंह ने अफसरों से कहा कि वे राजस्व संबंधी प्रकरण को ढ़ूंढ़ निकालें और उनका निराकरण करें। वहीं सरकार राजे-रजवाड़ों के जमीन संबंधी मामलों के बारे में भी जल्द ही निर्णय लेगी।

राजस्व विभाग के सूत्रों के अनुसार, राजे-रजवाड़ों के विलय के बाद से बड़े हिस्से में ऐसी भूमि है, जिसको लेकर सरकार और राजे-रजवाड़ों में विवाद चला आ रहा है। दोनों ही खुद को उस जमीन का मालिक बताते हैं। राजस्व विभाग का मानना है कि जब रजवाड़ों का विलय हो चुका है, तो ऐसी स्थिति में जो जमीन रजवाड़ों के आधिपत्य में है वह तो उनकी है, बाकी शेष भूमि सरकार की है। मगर रजवाड़े इसे मानने को तैयार नहीं हैं। लिहाजा सरकार जल्दी ही इन मामलों में बड़ा फैसला लेने जा रही है।

राजस्व विभाग के सूत्रों के अनुसार, अधिकांश विवादित भूमि में वह है, जिसमें या तो जंगल हैं अथवा खेती हो रही है, सरकार इस जमीन को अपने आधिपत्य में लेकर नई विकास योजनाओं को अंजाम देना चाहती है।

इस बैठक में राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री सिंह ने कहा कि राजस्व संबंधी मामलों का निराकरण समय-सीमा में किया जाए। प्रदेश के सभी शहरों में डायवर्जन और फ्री होल्ड की जमीन के मामले लंबित न रखें। इस संबंध में राजस्व निरीक्षक और एसडीएम पूरी रुचि लेकर कार्य करें।

राजस्व मंत्री सिंह ने कहा कि राजस्व प्रकरण के मामलों की शिकायत के लिए टोल-फ्री नम्बर स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक माह के हर तीसरे सोमवार को डायवर्जन और वसूली की समीक्षा बैठक होगी।