नई दिल्ली, 3 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार भ्रष्टाचारी और घपले-घोटाले की सरकार है। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के माध्यम से धरना प्रदर्शन का ड्रामा कर रहे हैं।
भाजपा पश्चिम बंगाल प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. सुकांतो मजुमदार, केन्द्रीय मंत्री डॉ. सुभाष सरकार, सांसद श्रीमती लॉकेट चटर्जी, सांसद सौमित्र खान, सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने 3 अक्टूबर को केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित संयुक्त प्रेसवार्ता में आरोप लगते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने पश्चिम बंगाल को मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना का फंड रोक दिया, क्योंकि इन योजनाओं के लाभार्थियों ने शिकायत की है कि मनरेगा का मूल उद्देश्य को ताक पर रखकर राजनैतिक लाभ लेने के लिए इस योजना का इस्तेमाल किया जा रहा है।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक जांच टीम पश्चिम बंगाल में इन योजनाओं की जांच की। केन्द्रीय टीम ने 22 जनवरी 2019 से लेकर 24 जनवरी 2019 के बीच पश्चिम बंगाल के पूरब बर्द्धमान जिले के चार प्रखंड के 6 ग्राम पंचायतों का निरीक्षण किया। जांच टीम ने हुगली जिले के तीन प्रखंड के 7 ग्राम पंचायतों का निरीक्षण किए गए। निरीक्षण के दौरान केंद्रीय टीम ने 484.27 लाख रुपए की रिकवरी की गयी है। साथ ही, मनरेगा के कार्यान्वयन में बहुत वित्तीय अनियमितता पायी गयी। केन्द्र सरकार ने जांच टीम की रिपोर्ट 6 मार्च 2019 को सीएम ममता बनर्जी सरकार को देते हुए निर्देश दिया कि इस पर ‘एक्शन टेकेन रिपोर्ट’ दें।
केन्द्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में मनरेगा योजना में हुई भ्रष्टाचार ममाले में एक्शन टेकेन रिपोर्ट सही समय पर नहीं मिलने की वजह से मनरेगा एक्ट के सेक्शन 27 के प्रोविजन के तहत मनरेगा योजना को रोक दिया। टीएमसी सरकार में इस प्रकार के भ्रष्टाचार के मामले हर विभाग में भरे पड़े हैं।