मरू महोत्सव के दूसरे दिन जैसलमेर में सोनार दुर्ग स्थित लक्ष्मीनाथ मन्दिर में महाआरती का आयोजन किया गया।
विधायक रूपाराम धनदेव और जिला कलेक्टर श्रीमती टीना डाबी ने चार दिवसीय मरू महोत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार 03 फरवरी को सोनार दुर्ग की अखे पोल से भव्य शोभायात्रा को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।
शोभायात्रा में लोक कला, संस्कृति और परंपराओं का संगम देखने को मिला।
मरु महोत्सव में सोनार दुर्ग से पूनमसिंह स्टेडियम तक निकली गई शोभायात्रा ने जैसलमेर के बाशिन्दों को ही नहीं बल्कि देशी-विदेशी पर्यटकों को भी मरु लोक संस्कृति से रूबरू कराया।
शोभायात्रा का नगर वासियों ने अपने घरों की छतों से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। शहरवासियों ने महोत्सव को उत्सव के रूप में लिया और इसमे बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी निभाई।
बीएसएफ के सजे-धजे ऊंट उन पर सवार बीएसएफ के जांबाज आकर्षण का केंद्र रहे।
शोभायात्रा में केमल माउण्टेन बैंड वादकों का समूह, मंगल—कलश लिए बालिकाएं, लोक कलाकारों का कारवां दुर्ग से प्रारंभ हो कर शहर में मुख्य मार्ग से होती हुई शहीद पूनमसिंह स्टेडियम पहुंच कर शानदार समारोह में परिवर्तित हो गई।
शोभायात्रा में सीमा सुरक्षा बल के उपसमादेष्टा मनोहर सिंह शेखावत के नेतृत्व में सजे-धजे ऊँटों पर शाही पोषाक में अपने हाथों में भाले लिए हुए बांके जवान सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र रहे।
देशी-विदेशी सैलानियों ने इस मनोरम दृश्य को अपने कैमरों में कैद कर लिया।
शोभायात्रा में श्रृंगारित ऊँटों पर सवार रौबीले मरु श्री एवं इस प्रतियोगिता के प्रतिभागी, पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित ऊँट एवं ऊँट गाड़ियों पर सवार मिस मूमल व महेन्दा के प्रतियोगी सहित विभिन्न झांकियां आकर्षण का केन्द्र रहीं।
लोक कलाकारों के जत्थों ने रास्ते भर लोक नृत्यों और लोक वाद्यों से लय-ताल की धूम मचाते हुए मरु संस्कृति और राजस्थानी परंपराओं का दिग्दर्शन कराया।
शोभायात्रा में सबसे आगे बास्केटबॉल अकादमी के छात्र अपने हाथों में पर्यटन विभाग का लोगो सहित बैनर लिए हुए चल रहे थे। वहीं मस्कवादन कलाकारो ने मस्क के माध्यम से राजस्थानी लोक गीतों की मधुर स्वरियां पेश कर सभी को मोहित किया, यहीं नहीं इस पर कई महिला पर्यटकों ने उत्साह के साथ नृत्य भी किया।
इसके साथ ही रंगी-बिरंगी पोशाकों में सजी-धजी बालिकाएं अपने सिर पर मंगल कलश धारण किए हुए शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रही थी, वहीं आंगीगैर द्वारा शानदार नृत्य पेश किया गया।
लोक कलाकरों द्वारा कच्छी घोड़ी नृत्य पेश कर पूरे माहौल को संगीत से सरोबार कर दिया। मूमल-महिन्द्रा की झांकी भी ऊँट गाड़ी पर आकर्षण का केंद्र रही।
शहर की हृदय स्थली गोपा चौक से होती हुई यह यात्रा मुख्य बाजार, जिंदानी चौक, सदर बाजार, गांधी चौक, होते हुए हनुमान चौराहा से निकल कर शहीद पूनमसिंह स्टेडियम पहुंची।
शहर वासियों ने कतारें लगाकर शोभायात्रा का लुत्फ उठाया वहीं पुष्पवर्षा कर विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों का अभिनंदन एवं स्वागत के साथ ही हौसला अफजाई की।
शोभायात्रा में देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोक कलाकार अपने क्षेत्र की संस्कृति और नृत्य प्रस्तुत किया।
मरू महोत्सव में कोरोना के बाद इस बार विदेशी पर्यटकों की अच्छी भागीदारी रही। शोभायात्रा में घरेलू पर्यटकों के साथ ही विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए। शोभायात्रा के सभी सुनहरे, मनोहारी दृश्यों को अपनी चिरस्थायी याद के लिए कैमरो में कैद किया।
शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में विधायक श्री रूपाराम धनदेव और जिला कलेक्टर श्रीमती टीना डाबी सहित अन्य गणमान्यों ने आसमान में गुब्बारे छोड़ महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया।
इसके बाद लोक कलाकारों ने अपनी शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। साथ ही सर्वाधिक प्रतिष्ठित मिस मूमल प्रतियोगिता में 37 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इस प्रतियोगीता में सुश्री गरिमा विजय विजेता रही। जबकि मिस्टर डेजर्ट प्रतियोगिता में 51 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
गणपत सिंह ने सभी प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए मिस्टर डेज़र्ट का खिताब अपने नाम किया। वहीं इस बार मिसेज जैसलमेर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे 7 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
श्रीमती तरुणा उज्ज्वल इस प्रतियोगिता में विजय रही। वहीं, साफा बांधने की प्रतियोगिता में देशी व विदेशी पर्यटकों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। दोनों ही प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों की फुर्ती को देख दर्शक रोमांचित हो गए। साफा बांध प्रतियोगिता (भरतीय) में विकास सैन व साफा बांध प्रतियोगिता (विदेशी) में कॉलबाय क्रॉसमैन (USA) प्रथम रहे।
मूमल महेंद्रा प्रतियोगिता एयरफोर्स स्कूल , जैसलमेर ने खिताब जीता। वही मूंछ प्रतियोगिता में भी विभिन्न प्रतिभागियों ने अपनी- अपनी मूंछ का शानदार प्रदर्शन किया।
मूंछ प्रतियोगिता में जितेंद्र सिसोदिया ने सभी को पछाड़ते हुए खिताब अपने नाम किया। कार्यक्रम के अंत मे विजेता प्रतिभागियों को मोमेंटो, स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
‘जैसलमेर के साथ भोजन करें’ कार्यक्रम में गोल्डन सिटी के साथ एक पारंपरिक भव्य भोजन का आयोजन किया भी किया गया।