नई दिल्ली, 20 फरवरी (जनसमा)। सरकार ने मलेरिया और मधुमेह (डायाबिटीज) जैसे रोगों के उपचार के लिए जड़ी-बूंटियों से बनी आयुर्वेदिक दवाएं मार्केट में उतारने का फैसला किया है। सरकार का कहना है कि इससे लाखों लोगों को उपचार में मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) ने मलेरिया के उपचार के लिए आयुष-64 और मधुमेह के उपचार के लिए आयुष-82 नामक आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने और बाजार में बेचने के लिए मैसर्स डाबर इंडिया लिमिटेड के साथ एक लाइसेंस.समझौता किया है।
लाइसेंस समझौते पर एनआरडीसी की तरफ से डॉ. एच. पुरुषोत्तम और डाबर इंडिया लिमिटेड की तरफ से वहां के स्वास्थ्य सुविधा अनुसंधान प्रमुख डॉ. जेएलएन शास्त्री ने हस्ताक्षर किए।
देश में महामारी के रूप में फैलने वाले मलेरिया के प्रभावशाली उपचार के लिए सीसीआरएस द्वारा विकसित आयुर्वेदिक दवा आयुष-64 बहुत कारगर है। उल्लेखनीय है कि प्राचीन समय से आयुर्वेद के वैद्य इसका विषम ज्वर के रूप में उल्लेख करते रहे हैं। यह दवा कई तरह की जड़ी-बूटियों से तैयार की गई है और इसकी विस्तृत फार्माकॉलॉजिकल, टॉक्सिकॉलॉजिकल और क्लीनिकल जांच की गई है।
मधुमेह की दवा आयुष-82 को भी सीसीआरएएस ने विभिन्न जड़ियों के मिश्रण से तैयार किया है।
इन दोनों दवाओं को आयुष (आयुर्वेद,योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी) मंत्रालय की स्वायत्तशासी संस्था केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने विकसित किया है।
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