महाराष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल ने राजस्थान के कार्यक्रमों की ली जानकारी

जयपुर, 22 जनवरी। राजस्थान में चल रहे स्वास्थ्य कार्यक्रमों में हो रहे नवाचारों के बारे में शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन में महाराष्ट्र के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव सुजाता सोनिक के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल ने जानकारी ली।

बैठक में प्रदेश में कुपोषित बच्चों के लिए संचालित समुदाय आधारित कुपोषण प्रबन्धन कार्यक्रम (सीमेम), राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, ओजस, आशा सॉफ्ट, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, जननी सुरक्षा योजना व ई-इनिशिएटिव कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त मिशन डॉ. नीरज के पवन ने उन्हें बताया कि राजस्थान में 9 हजार से अधिक अतिकुपोषित बच्चों के लिए 22 दिसम्बर से 13 जिलों में सी-मेम कार्यक्रम शुरू किया गया है। कार्यक्रम में चिन्हित बच्चों को हर रविवार को पोषण डे पर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार दिया जा रहा है। सी-मेम कार्यक्रम के पहले सप्ताह में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आए 9 हजार 292 बच्चों को पोषण आहार दिया गया। इनमें से 7 हजार 494 बच्चों के वजन में पिछले एक सप्ताह में बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन में राजस्थान देश में अव्वल रहा है। इसके तहत प्रदेश में अब तक 4 हजार से अधिक महिला आरोग्य समितियां बनाई गई है। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों की कच्ची बस्तियों में हर सप्ताह आउटरीच कैम्प लगाए जा रहे है। प्रदेश में अब तक 323 से अधिक कैम्प लगाए कर लोगों को स्वास्थ्य लाभ दिया गया है। शहरी स्वास्थ्य मिशन में 61 कस्बों में 340 शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित किये जा रहे है।

डॉ. पवन ने बताया कि प्रदेश में आशा सॉफ्ट से आशा सहयोगिनी को ऑनलाइन भुगतान, ओजस से प्रसुताओं के खातें में सीधे राशि हस्तांतरण एवं शुभलक्ष्मी योजना के माध्यम से किये जा रहे भुगतान के बारे में बताया। प्रदेश के सभी राजकीय अस्पतालों के उपकरणों के रख-रखाव को लेकर शुरू किये गए कार्यक्रम ई-उपकरण की महाराष्ट्र की टीम ने प्रशंसा की।

महाराष्ट्र में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग प्रमुख शासन सचिव सुजाता ने महाराष्ट्र में कुपोषित बच्चों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाये जा रहें कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन में भी कई कार्यक्रम चलाये जा रहे है।