नई दिल्ली, 03 मार्च (जनसमा)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को लोकसभा में सदस्यों को सुझाव दिया कि 8 मार्च ‘महिला दिवस’ के अवसर पर महिला सांसद ही पूरे दिन अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि संसदीय गतिविधियां उसी तरह चलती रहें किंतु उस दिन महिला सांसद ही बोलें।
‘इसी तरह एक दिन विश्व राजनीति, मानवतावाद, राष्ट्रनीति और टिकाऊ विकास पर भी पूरे दिन चर्चा कर सकते हैं?’
प्रधानमंत्री ने देश में प्राथमिक शिक्षा के गिरते स्तर की चर्चा करते हुए कहा कि इस पर भी सदस्यों को गंभीरता से विचार करना चाहिए भले ही शिक्षा राज्यों का विषय है।’हम इस दिशा में क्या सुधार कर सकते हैं? हमें अपने भावी नागरिकों के बारे में सामूहिक रूप से विचार करना चाहिए।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण, ग्लोबल वार्मिंग और पानी हमारी चिंता के विषय हैं। इस पर भी उपाय खोजने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘न्याय में विलंब, न्याय न मिलने की तरह है।’’ यह सब कहते हैं किंतु इसके बारे में भी सभी को मिलकर उपाय निकालने होंगे।
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