इमरान खान===
नई दिल्ली, 23 जून | पुरुष शहरों का रुख कर रहे हैं और महिलाओं को गांवों में अकेले रहना पड़ रहा है। इससे कृषि पर असर पड़ रहा है क्योंकि महिलाओं को खेती के लिए जरूरी भारी कृषि उपकरणों का उपयोग करने में दिक्कत आ रही है। लेकिन अब महिलाओं के लिए हालात बदलने वाले हैं क्योंकि सरकार कृषि की उत्पादकता बनाए रखने के लिए महिला प्रधान कृषि उपकरण तैयार करने का मन बना चुकी है।
फोटो: आईएएनएस
केंद्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव आरबी सिन्हा ने आईएएनएस से कहा, “नौकरी की तलाश में बड़ी संख्या में पुरुष शहरों का रुख कर रहे हैं। यह सब जलवायु परिवर्तन के नतीजतन सूखे व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण हो रहा है। महिलाएं गांवों में रह जाती हैं और उनके लिए पुरुषों द्वारा उपयोग में लाए गए कृषि उपकरणों के साथ तालमेल बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है।”
सिन्हा ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में जलवायु परिवर्तन के कारण आए बदलावों के कारण महिलाएं भी अब कृषि की उत्पादकता बनाए रखने में योगदान देने लगी हैं।
सिन्हा ने हिमालयन एंड डाउनस्ट्रीम रीजंग-नॉलेज फोरम ऑन क्लाइमेट रिजिलेंट डेवलपमेंट नामक सेमीनार में कहा, “ऐसे में जबकि पुरुष शहरों का रुख कर रहे हैं, सरकार गांव में रह जाने वाली महिलाओं को कृषि के लिए जरूरी उपकरण मुहैया कराएगा। ये उपकरण ऐसे होंगे, जिनका उपयोग महिलाएं आसानी से कर सकेंगी।”
सिन्हा ने कहा कि मंत्रालय और भारतीय कृषि शोध परिषद (आईसीएआर) एक साथ मिलकर महिला प्रधान कृषि उपकरण तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस सम्बंध में काम शुरू हो गया है। बकौल सिन्हा, “हम इस दिशा में काम शुरू कर चुके हैं। हमारा लक्ष्य छोटे और मझौले किसानों (महिलाओं) को उनकी जरूरत के मुताबिक कृषि उपकरण मुहैया कराना है।”
सरकार ने महिला प्रदान कृषि उपकरणों पर सब्सीडी देने का फैसला किया है। ऐसा इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
भारत में जलवायु परिवर्तन के कारण बीते कुछ सालों में हालात काफी बदल गए हैं। पुरुष बड़ी तेजी से नौकरी की तलाश में शहरों का रुख कर रहे हैँ। इससे कृषि और खाद्य प्रदार्थो के उत्पादन पर संकट उत्पन्न होने लगा है। जबकि दूसरी ओर, बढ़ती जनसंख्या के कारण कृषि और उससे जुड़े उत्पादों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। –आईएएनएस
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