नई दिल्ली, 20 सितम्बर | क्या आपके साथ काम करने वाली महिला सहकर्मी अक्सर अपना मोबाइल बदलती रहती हैं या अन्य पुरुष सहकर्मियों की तुलना में उनके मोबाइल फोन जल्दी खराब होते हैं। दरअसल इसके पीछे एक बहुत ही रोचक तथ्य है कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा मोबाइल फोन ज्यादा गिराती हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, गिरकर खराब हुए मोबाइल फोन में 58 फीसदी मामले महिलाओं द्वारा फोन गिराने के रहे।
एक ताजा सर्वेक्षण के अनुसार, 50 प्रतिशत से अधिक लोगों के स्मार्टफोन की स्क्रीन अमूमन स्मार्टफोन खरीदने के आठ महीने के अंदर टूट जाते हैं। यात्रा करते समय, भीड़ से भरी ट्रेन या बस में चढ़ते या उतरते समय, कई काम एकसाथ करते समय, सेल्फी लेते समय अक्सर मोबाइल गिरकर टूट जाते हैं या खराब हो जाते हैं।
सर्वेक्षण में बीते एक वर्ष के दौरान मरम्मत के लिए आए 4,000 से अधिक स्मार्टफोन के खराब होने के पीछे के कारणों का विश्लेषण किया गया।
यह सर्वेक्षण गेजेट एवं इलेक्ट्रॉनिक्स सुरक्षा कंपनी ‘आनसाइटगो’ द्वारा किया गया।
सर्वेक्षण के अनुसार, सेल्फी लेते समय फोन गिरने की घटना सर्वाधिक होती है और इसमें शायद ही किसी को यह मानने में परेशानी हो कि महिलाएं सेल्फी की दीवानी अधिक होती हैं।
आनसाईटगो ने यह सर्वेक्षण लोगों में मोबाइल फोन के प्रयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए तथा मोबाइल को टूटने से बचाने हेतु किया।
आनसाईटगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुणा महिपाल ने कहा, “अगर लोगों को समझाया जाए कि मोबाइल फोन कौन सी स्थिति में टूट सकता है तो वे उन परिस्थितियों में अधिक सतर्कता बरत सकते हैं।”
सर्वेक्षण में पाया गया कि मरम्मत के लिए आए सर्वाधिक स्मार्टफोन में स्क्रीन टूटने की समस्या रही। मोबाइल फोन की स्क्रीन गिरने से टूटती है। गोरिल्ला ग्लास जैसे अत्याधुनिक तकनीक और टेम्पर्ड ग्लास के उपयोग से स्क्रीन खराब होने का खतरा कम होता है फिर भी इससे पूर्ण सुरक्षा नहीं मिलती।
सर्वेक्षण से मिले कुछ रोचक तथ्यों पर गौर करें तो 36 प्रतिशत भारतीय स्क्रीन के टूटने के बाद भी या उंगली कटने के बावजूद उसका प्रयोग करते रहते हैं। 37 प्रतिशत भारतीयों के मुताबिक मरम्मत का खर्च सर्वाधिक है। 50 प्रतिशत भारतीय तो अपनी ही गलती से मोबाइल खराब करते हैं।– आईएएनएस
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