नई दिल्ली, 29 मार्च (जनसमा)। अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने मंगलवार को यहां विभिन्न कौशलों में अग्रणी राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के जरिए मौलाना आजाद नेशनल अकादमी फॉर स्किल्स (मानस) के अभिनव उद्यमशिलता एवं कौशल विकास कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्होंने ओखला तथा दरियागंज क्षेत्र के लिए सौन्दर्य एवं स्वास्थ्य संबंधी दो ऑनलाइन प्रशिक्षण केन्द्रों का भी उद्घाटन किया।
फोटोः डॉ. नजमा ए. हेपतुल्ला 29 मार्च, 2016 को नई दिल्ली में ”इनोवेटिव एन्ट्रप्रेन्योरशिप एंड स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम- थ्रू लीडिंग नेशनल/इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स इन डिफरेंट स्किल सेट्स-बाइ द मानस” के शुभारंभ के अवसर पर संबोधित करते हुए तथा मंच पर बैठे हुए जावेद हबीब और शहनाज हुसैन।
भारत में हेयर स्टाइल संबंधी कला में क्रांतिकारी विकास करने वाले जावेद हबीब ओखला केन्द्र में उन लोगों को वैज्ञानिक और व्यवस्थित प्रशिक्षण देंगे जो व्यक्ति सौन्दर्य विज्ञान में रुचि रखते हैं। दरियागंज केन्द्र में शहनाज हुसैन प्राकृतिक सुविधा एवं उपचार में प्रशिक्षण प्रदान करेंगी। इस अवसर पर डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने की इच्छा से ही विकास होता है। इससे श्रम के प्रति सम्मान भी पैदा होता है।
मानस अपनी तरह का पहला और अनोखा कदम है जिसके तहत विभिन्न कौशल क्षेत्रों में शानदार काम करने वाले प्रतिष्ठित व्यक्ति कौशल विकास परियोजनाओं में सहयोग करेंगे, जिससे अल्पसंख्यक समुदायों के वंचित वर्गों को बहुत लाभ होगा। अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित ऐसे कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञ मौजूद हैं जो विभिन्न कौशलों और गतिविधियों में बड़ा स्थान रखते हैं।
ये जानेमाने लोग हैं और अपने कौशल के लिए पूरे देश में इन्हें जाना जाता है। इसमें से कई लोग प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके हैं और उनका उच्च सामाजिक स्तर है। पूरे देश में और बाहर भी इनकी कला बेजोड़ है और वे अब केवल धन कमाने के लिए काम नहीं कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर लोग अपने समुदायों की मदद करने के लिए इच्छुक हैं ताकि अपने अपने क्षेत्रों में उनकी विशेषज्ञता से उनके समुदायों के वंचित वर्ग और समाज के लोग लाभ उठा सकें।
इस संबंध में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोगों ने ऐसी इच्छा व्यक्त की है, जिनमें सौन्दर्य एवं स्वास्थ्य, टेक्सटाइल एवं फैशन डिजाइनिंग, मीडिया एवं मनोरंजन आदि क्षेत्र शामिल हैं। जावेद हबीब अख्तर, शहनाज़ हुसैन, वेनडेल रॉड्रिक्स, कमल हासन और अन्य प्रसिद्ध व्यक्तियों ने इस संबंध में फीडबैक दिया था।
मदरसों, मकतबों और अल्पसंख्यकों के अन्य पारंपरिक शिक्षा संस्थानों को मानस के जरिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के कौशल विकास कार्यक्रम से जोड़ा गया है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय इस क्रांतिकारी कदम के जरिए मदरसों और मकतबों के मौजूदा नेटवर्क की अपार क्षमता को कौशल विकास केन्द्रों के जरिए इस्तेमाल कर सकता है। अल्पसंख्यक समुदायों में व्याप्त अविश्वास की भावना को समाप्त करने के साथ मानस अल्पसंख्यक समुदायों के वंचित वर्गों को बेहतर कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने की दिशा में काम करने में सक्षम है।
वंचित वर्गों में महिलाओं और लड़कियों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है ताकि उन्हें रोजगार/स्वरोजगार प्राप्त हो सके। मानस ने बिहार, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और असम जैसे राज्यों के विभिन्न मदरसों तथा अल्पसंख्यकों के अन्य पारंपरिक शिक्षा संस्थानों की पहचान की है और वहां कौशल विकास कार्यक्रमों की शुरूआत की है।
मानस का गठन अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम द्वारा 11 नवम्बर, 2014 को किया गया था, ताकि “स्किल इंडिया” का विचार सफल हो और भारत सरकार के “सबका साथ, सबका विकास” का लक्ष्य पूरा हो सके। मानस देश के अल्पसंख्यक समुदायों के कौशल विकास/उन्नयन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक सांस्थानिक व्यवस्था है। एक विशेष उद्देश्य को प्राप्त करने के वाहक के रूप में मानस अखिल भारतीय स्तर पर पीपीपी आधार पर प्रशिक्षण प्रदान करता है, जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित प्रशिक्षक सहयोग करते हैं।
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