मिड-डे-मील वितरित करने में भेदभाव एक अपराध : वीरभद्र सिंह

शिमला, 10 फरवरी। हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने राज्य के कुछ स्कूलों व आंगनवाड़ी केन्द्रों में मध्यांतर भोजन बांटने में अनुसूचित जाति समुदाय के विद्यार्थियों से भेदभाव के सम्बन्ध में कोली समाज और संत रविदास समुदायों के सदस्यों की शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सम्बन्धित विभागों को समस्त स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए पुनः आदेश जारी करने को कहा है ताकि इसप्रकार के मामलों को रोका जासके।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार का भेदभाव एक अपराध है और दोषी अध्यापकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने विद्यार्थियों को रोल नम्बर के आधार पर एक साथ मिड-डे-मील वितरित करने के निर्देश दिए ताकि कोई भी विद्यार्थी अपमानित महसूस न करे।

मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां आयोजित हिमाचल प्रदेश कोली कल्याण बोर्ड तथा हिमाचल प्रदेश संत रविदास कल्याण बोर्ड की प्रथम बैठकों की अध्यक्षता कररहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इन समुदायों की समस्याओं पर विचार करने और इनका हल निकालने के लिए अलग से बोर्डों का गठन किया है। राज्य मे अनुसूचित जातियों की सूची में 56 जातियों को सम्मिलित किया गया है और इन वर्गों को सरकारी नौकरियों में सीधीभर्ती में आरक्षण प्रदान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियमों का प्रभावी कार्यान्वयन कर रही है तथा किसी भी व्यक्ति को इन अधिनियमों के उल्लंघन अथवा अनुसूचित जातियों से संबंधित लोगों के साथ भेदभाव की अनुमति नहीं दी जाएगी।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य का समग्र एवं संतुलित विकास तभी हासिल किया जा सकता है जब सभी समुदायों तथा क्षेत्रों का समान विकास हो।

उन्होंने कहा कि एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश के भूमिहीन लोगों को अपने मकान बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा और शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा भूमि प्रदान करने का निर्णय लिया है।

इन बोर्डों के सदस्यों की राज्य सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण प्रदान करने के लिए संविधान के 85वें संशोधन की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है और समिति की सिफारिशों के प्राप्त होने के उपरांत इस सम्बन्ध में उचित निर्णय लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति एवंअनुसूचित जनजाति समुदायों के परिवारों को स्वरोजगार अपनाने के लिए ऋण राशिमें वृद्धि के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा है।