नई दिल्ली, 21 सितंबर (जस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल- ‘बराक -8’ के सफल परीक्षण करने पर डीआरडीओ को बधाई दी है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग में सचिव और डीआरडीओ के महानिदेशक डॉ. एस क्रिस्टोफर को भेजे अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, “मैं आपको और इजरायल के साथ संयुक्त रूप से विकसित जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल – ‘बराक -8’ के सफल परीक्षण से जुड़े आपके साथियों को हार्दिक बधाई देता हूं।
राष्ट्र को इस उपलब्धि पर गर्व है। मुझे विश्वास है कि इस सफलता से तकनीकी रूप से चुनौती वाले क्षेत्रों में देश की रक्षा क्षमताएं और बढ़ेंगी।
इस मिशन में शामिल टीम के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और अन्य सदस्यों को भी मेरी ओर से बधाई और शुभकामनाएं।”
भारतीय नौसेना ने सतह से हवा में लम्बी दूरी के लिए एयर मिसाइल प्रणाली (एलआरएसएएम) को बिना पायलट के लक्ष्य विमान (पीटीए) के खिलाफ 20 सितंबर 2016 को 10:10 बजे और 14:25 बजे अंतरिम परीक्षण रेंज (आईटीआर), बालासोर उड़ीसा से सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
एलआरएसएएम प्रणाली को भारत के डीआरडीओ और इसराइल के आइएआइ के बीच एक संयुक्त उद्यम के माध्यम से विकसित किया गया है। सैम प्रणाली के नौसैनिक संस्करण का इस बार जमीन पर परीक्षण किया गया जबकि पहले इसे अंतरिम परीक्षण रेंज (आईटीआर) से नौसेना जहाज पर किया गया था। दोनों मिसाइलें अपने लक्ष्यों को सीधे विभिन्न श्रेणियों और ऊंचाई पर नियोजित करता है। मिसाइलों के उड़ान की गति को आईटीआर में स्थापित रडारों और विद्युत ऑप्टिकल प्रणालियों द्वारा पता लगाकार नजर रखा जाता है।
कई उद्योगों जैसे बीडीएल, मिधानी, टाटा, गोदरेज, एसईसी, पीईएळ, आदित्य और अन्य के सहयोग से इस मिसाइल प्रणाली को विकसित किया गया है। इसके सफल परीक्षण में इजराइल और भारत दोनों देशों के वैज्ञानिकों और तकनीशियनों ने योगदान दिया है। इजराइल टीम का नेतृत्व इसराइल के आइएआइ के उपाध्यक्ष बोएस लेवी ने किया जबकि भारतीय टीम में योजना निदेशक पैट्रिक डिसिल्वा, डीआरडीएल के निदेशक एम एस आर प्रसाद और आईटीआर के निदेशक डॉ बी के दास थे। इस अवसर पर रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार एवं डीजी (एमएसएस) डॉ जी सतीश रेड्डी भी उपस्थित थे।
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