अहमदनगर (महाराष्ट्र), 11 अक्टूबर | पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की पुत्री एवं महाराष्ट्र में मंत्री पंकजा मुंडे तथा उनकी सांसद बहन प्रीतम मुंडे ने दशहरा के मौके पर मंगलवार को जोरदार तरीके से अपनी ताकत दिखाई। इसे गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक विरासत को बरकरार रखने से जोड़कर देखा जा रहा है। मराठवाड़ा क्षेत्र के अहमदनगर-बीड जिले की सीमा पर स्थित पहाड़ी पर भगवानगढ़ मंदिर में मुंडे बहनों ने प्रतीकात्मक रूप से शक्ति प्रदर्शन किया।
अनुमान के मुताबिक, आयोजन में राज्य भर के सात-आठ लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जिससे मुंडे बहनों, खासकर पंकजा को खासा संबल मिला। पंकजा का भगवानगढ़ मंदिर के मुख्य पुजारी महंत नामदेवशास्त्री सनाप के साथ बीते कुछ हफ्तों से विवाद चल रहा है।
विवाद उस वक्त शुरू हुआ था, जब मंदिर के प्रबंधन ने पंकजा को मंदिर में होने वाली सालाना दशहरा रैली करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। पंकजा मुंडे के समर्थकों ने कहा कि मंजूरी मिलनी चाहिए, क्योंकि उनके पिता ने अपने समर्थकों को यहां से 20 वर्षो तक संबोधित किया था।
पंकजा एक हजार गाड़ियों के काफिले के साथ बीड से भगवानगढ़ पहुंचीं। रास्ते में उनके हजारों समर्थक काफिले में शामिल होते गए। वह मंदिर के पास हेलीकाप्टर से उतरीं और अपने कुछ समर्थकों के साथ उन्होंने संत भगवान बाबा का दर्शन किया।
उनके साथ उनके पति अमित पाल्वे और अन्य सहयोगी दलों के पिछड़ी जातियों के कई नेता थे।
मंदिर में पंकजा ने महंत से मुलाकात नहीं की। महंत ने कहा था कि पूजा के लिए मंदिर में उनका स्वागत है, लेकिन उन्हें यहां बोलने की इजाजत नहीं है।
इस शक्ति प्रदर्शन ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी। पूर्व मंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने पंकजा मुंडे का समर्थन किया है।
खडसे ने कहा, “मैं पंकजा ताई (पंकजा बहन) के साथ हूं। यह ‘शक्ति प्रदर्शन’ नहीं बल्कि ‘भक्ति प्रदर्शन’ है।” –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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